25+ Short Story in Hindi with Moral for Kids | हिंदी कहानियाँ (2024)
नमस्कार दोस्तों आपका हमारा सपोर्ट वेबसाइट पर स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम जिस टॉपिक के बारे में बताएँगे वो है Story in Hindi with Moral आज हम नैतिक कहानियों के बारे में आपको बताएँगे। जिन्हें पढने के बाद आपको बहुत ही कुछ सिखने को भी मिलेगा। हमेशा से ही कहानियों और बच्चो के बिच के बीच दोस्ताना संबंध स्थापित रहा है जिससे बच्चे सीख भी लेते आए हैं और उनका मनोरंजन भी होता रहा है क्योंकि छोटे बच्चों को जब कोई सीख की बात बतानी होती है तो अक्सर ही माता-पिता उन्हें कहानियों के माध्यम से उनको यह सीख देने का कार्य करते हैं जिससे वह सही और गलत की पहचान कर सकें।
इसे बजह से बच्चे कहानियां सुनने के लिए उताबले रहते हैं। ज्यादात्र बच्चो को जानबरो की कहानिया सुनना अच्छा लगता है अक्सर आपने बड़े बुजुर्गों को यह कहते हुए जरुर सुना होगा की उनके समय में उन्हें ये कहानियां उनकी दादी नानी सोते समय सुनाया करती थीं लेकिन आज कल समय के साथ सब कुछ बदल गया है। इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको Story in Hindi with Moral की कहानी के बारे में बताएँगे।
Short Story in Hindi with Moral
आज के इस आर्टिकल में हम बच्चो के लिए अच्छी अच्छी कहानियां लिख रहे हैं यदि आप भी अपने बच्चों को कुछ ऐसे ही अनोखी और रोचक हिंदी कहानियां सुनना चाहते हैं तब आप यहाँ से उन कहानिओं को पढकर जरुर सुना सकते हैं। तो चलिए बिना देरी किये एक बढ़िया सी कहानी सुनते हैं।
1. शरारती चूहे की Story in Hindi with Moral
एक बार गोलू के घर में शरारती चूहा आ जाता है वो बहुत छोटा सा था लेकिन पुरे घर में भगा चलता था। उस चूहे ने गोलू की किताब भी कुतर डाली थी और कुछ कपड़े भी कुतर दिए थे। गोलू की मम्मी जो खाना बनाती और बिना ढके रख देती वह चूहा उसे भी चट कर जाता था। चूहा खा पीकर बड़ा हो गया था। एक दिन गोलू की मम्मी ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखा। शरारती चूहे की नज़र बोतल पर पड़ गयी। चूहा कई तरकीब लगाकर थक गया था। उसे शरबत जो पीना था।
चुहा बोतल पर चढ़ा किसी तरह से ढक्कन को खोलने में सफल हो जाता है। अब उसमें चूहा मुंह घुसाने की कोशिश करता है। बोतल का मुंह छोटा था मुंह नहीं घुसता फिर चूहे को आइडिया आया उसने अपनी पूंछ बोतल में डाली। पूंछ शरबत से गीली हो जाती है उसे चाट चाट कर चूहे का पेट भर गया। अब वह गोलू के तकिए के नीचे बने अपने बिस्तर पर जा कर आराम से करने लगा।
सिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह सिक्षा मिलती है कि मेहनत करने के कोई काम असम्भव नही होता है।
2. दो बकरियों की कहानी
एक दिन की बात है एक बकरी नदी के किनारे घास खा रही थी तभी उसे नदी के उस पार की घास दिखाई देती है। वो सोचती है कि उस पार की घास उसे चकना चाइये। वो सोच रहा था वो उस पार कैसे जाये तभी उसकी नजर लकड़ी के उस लठ पर पढ़ी जो नदी पर पर बिछी हुई थी। वो लठ की तरफ बढ़ने लगा। लठ पर पैर रखने पर उसने देखा उसकी दूसरी छोड़ पर एक बकरी पहले से ही खाड़ी है। पहली बकरी बोलती है पहले मुझे जाने डो तो दूसरी बकरी बोलती है पर क्यों पहले तो मैं जाऊंगा। फिर पहली बकरी को अपने दादा जी की कही कहानी याद आ गयी।
दो घमंडी बकरियां एक पुल पार करना चाहती थीं मगर एक दुसरे के लिए जगह नही बनाना चाहती थीं और आखिरकार लड़ने लग गई और दोनों पुल से निचे गिर गईं और पानी में डूब गईं। पहली बकरी ने अक्लमंदी दिखाई और बोली दोस्त यह लड़ने का बक्त नही है दिमांग से काम लेते हैं। पहली बकरी ने कहा मैं यहाँ झुक जाता हूँ और तुम मेरे ऊपर से छालंक लगाकर उस पार चले जाना।ये कहकर पहली बकरी उस लठ पर झुक गयी और दूसरी बकरी उसके पर से छालंक लगा कर उसपार चली गई दूसरी बकरी पहली बकरी से बहुत बहुत धन्यवाद कहकर चली गई।
सिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह सिक्षा मिलती है कि कोई भी काम करने से पहले सोच लेना चाहिए।
3. लालची कुत्ता की कहानी
एक लालची कुत्ता था। एक दिन उसे एक रोटी पढ़ी हुई मिली वह रोटी लेकर एक पुल के ऊपर से नदी पार कर रहा था। तभी उसकी नजर एक कुत्ते पर पढ़ी जो उसे नदी के ठाहरे पानी में दिखाई दे रहा था। उसने देखा उस कुत्ते के पास भी एक रोटी है उसने सोचा कि क्यों न उस कुत्ते से वह रोटी छीन लो तो उसके पास दो रोटियां हो जाएँगी। ऐसा सोचकर उसने भौकनशुरू कर दिया जिससे उसके मुह से रोटी निचे पानी में जा गिरी उसे समझ आ गया कि निचे जो कुत्ता उसे दिखाई दे रहा था वह उस कि परछाई थी। ललच में आकार कुत्ते को एक भी रोटी नसीब नही हुई।
सिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह सिक्षा मिलती है कि लालच बुरी बला है।
4. चींटी और कबूतर की कहानी
एक समय की बात है पेड़ पर से चीटी तलाब में गिर गई। एक कबूतर ने उसे अपना जीवन बाचने के लिए जी तोड़ कोशिश करते हुए देखा फिर उसने एक पत्ते को तोडा और चीटी के पास फेक दिया। चीटी झट से पत्ते पर चड़ गयी और बड़ी कृतज्ञता भरी नजरो से उसने कबूतर का धन्यवाद किया चीटी बहुत ही थक गयी थी। कुछ सप्ताहों बाद की बात है एक बहेलिया जंगल में आया बहेलियो का तो काम ही होता है पक्षियों को पकडना उसे कुछ दाने जमीन पर फेंके और उसने अपना जाल बिछा दिया। वह चुपचाप जाल में किसी पक्षी के फसने का इंतिजार कर रहा था।
वे चीटी जो बही कहीं से गुजर रही थी उसने जब सारी तैयारी देखी तो क्या देखती है। कि वही कबूतर जिसने उसकी जान बचाई थी उडकर उसी जाल में फसने के लिए धीरे धीरे निचे उतर रहा था। चीटी ने एकदम आगे बढ़ बहेलिये के पैर पर इतनी बुरी तरह काट दिया कि बहेलिये के मुह से चीख निकल गई। कबूतर ने एकदम देखा कि सोर किदर से आ रहा है और बहेलिये को देखते ही सब कुछ उसकी समझ में आ गया और वह दूसरी दिशा में उड़ गया और उसकी जान बच गयी।
सिक्षा- इसे Story in Hindi with Moral से हमें यह सिक्षा मिलती है कि कर भला तो हो भला
5. मुर्ख खरगोश की Story in Hindi with Moral
एक दिन खरगोश पेड़ के निचे सो रहा था जब एक कंकड़ उसके सिर पर गिर गया तो वह उठा और उसने सोचा कि असमान का एक हिस्सा गिर रहा है। उसने दौड़ना शुरू कर दिया और चिल्लाता रहा कि असमान गिर रहा है असमान गिर रहा है। कई पशु पक्षियों ने खरगोश पर विश्वास किया और उसके साथ चलने लगे। खरगोश के बगल में बैठी तित्तली हसने लगी और दोस्तों को पकड़कर उसने कहा कि खरगोश की बात मत सुनो यह सिर्फ एक कंकड़ था जो उसके सिर पर गिर गया था।
सिक्षा- इससे हमें यह सिक्षा मिलती है कि दुसरो की बातो पर विश्वास ना करें अपने आप जानने से पहले।
6. समय का महत्व Story in Hindi with Moral
एक चिड़िया और एक चीटी में बहुत मित्रता थी। चिड़िया बहुत आलसी थी लेकिन चीटी अपने सब काम समय से करती और दिन रात मेहनत करती थी। बरसात का मौसम आने वाला था चीटी ने दिन रात मेहनत करके ढेर सारा भोजन एकत्र कर लिया। चीटी ने चिड़िया से कहा बहन बरसात का मौसम आने वाला है तुम अपने और बच्चो के लिए भोजन एकत्र कर लो नही तो तुम्हे बाद में परेशानी होगी। चिड़िया ने चीटी कि इस बात पर कोई ध्यान नही दिया और वो उड़ गयी बरसात आते ही दिन रात पानी बरसने लगा
चिड़िया अपने घोसले से बहार न निकल सकी और उसके बच्चे भूख से रोने लगे। यह सब देखकर चीटी को दया आ गई उसने चिड़िया को कहा मेरे बिल में कुछ खाना है तुम ले जा सकती हो। चीटी ने चिड़िया को समझया बहन अगर तुम मेरी बात मान लीं होती तो आज तुम्हे और तुम्हरे बच्चो को भूखा नही रहना पड़ता। चिड़िया ने समय का महत्व समझते हुए चीटी से कहा बहन मैं आज से आलस नही करुँगी और समय का सैदव ध्यान रखूंगी।
सिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह सिक्षा मिलती है कि हमें सैदव समय को महत्व देंना चाहिये।
7. 19 ऊँटो की एक प्रेरक Story in Hindi with Moral
एक गाँव में एक आदमी के पास 19 ऊंट थे। एक दिन उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई मृत्यु के पश्चात वसीयत पढ़ी गयी जिसमें लिखा था कि मेरे 19 ऊंटों में से आधे मेरे बेटे को19 ऊंटों में से एक चौथाई मेरी बेटी को और 19 ऊंटों में से पांचवाँ हिस्सा मेरे नौकर को दे दिए जाएँ इस बाटबारे को सुनकर सभी गाँव वाले चक्कर में पढ़ गये।19 ऊंटों का आधा अर्थात एक ऊँट काटना पड़ेगा फिर तो ऊँट ही मर जायेगा। चलो एक को काट दिया तो बचे 18 उनका एक चौथाई साढ़े चार साढ़े चार फिर सब बड़ी उलझन में थे। फिर पड़ोस के गांव से एक बुद्धिमान व्यक्ति को बुलाया गया।
वह बुद्धिमान व्यक्ति अपने ऊँट पर चढ़ कर आया समस्या सुनी थोडा दिमाग लगाया फिर बोला इन 19 ऊंटों में मेरा भी ऊँट मिलाकर बाँट दो। सबने सोचा कि एक तो मरने वाला पागल था जो ऐसी वसीयत कर के चला गया है। अब ये दूसरा पागल आ गया जो बोलता है कि उनमें मेरा भी ऊँट मिलाकर बाँट दो फिर भी सब ने सोचा बात मान लेने में क्या हर्ज है।
19+1=20 हुए।
20 का आधा 10 बेटे को देया जाये।
20 का चौथाई 5 बेटी को दे दिया जाये।
20 का पांचवाँ हिस्सा 4 नौकर को दे दिया जाये।
10+5+4=19
और अब बचा एक एक ऊंट जो उस बुद्धिमान व्यक्ति का था वो व्यक्ति अपने ऊंट को लेकर अपने गॉंव लौट गया।
8. हिरण के घमंड की Story in Hindi with Moral
एक जंगल में एक हिरण रहता था जो कि अपनी बड़ी-बड़ी सींगों की वजह से अपने आपने आप में काफी ज्यादा घमंड रखता था। उसके सिंग भी काफी बड़े और सुनहरे थे परंतु वह हमेशा अपने ही शरीर के पैरों की बुराई करता था क्योंकि उसके पैर काफी ज्यादा पतले हुआ करते थे ऐसे में एक दिन जंगल में शिकारी कुत्तों ने हमला बोल दिया और हिरण अपने पतले पैरों की बजह से खूब तेज दौड़ा और भागता चला गया परंतु आगे जाकर व पेड़ों की झाड़ियों में अपनी सिंगो की वजह से फस गया। जिसके लिए उसने बहुत कोशिश की परंतु वह नहीं निकल पाया ऐसे में कुत्तों ने उसे नोच कर मार डाला तब जाकर हिरण को एहसास हुआ कि मेरे बदसूरत पैर ही जो थे उन्हीं वजह से मेरी जान बच रही थी परंतु मेरे इन सींगो ने मुझे मौत के घाट उतरवा दिया।
सिक्षा- इस Story in Hindi with Moralसे हमें यह शिक्षाघमंड करना एक बुरी आदत है। हमारे घमंड से कई बार हमें नुकसान भी हो सकता है।
9. ईमानदारी की प्रेरक कहानी
एक बार एक राज्य में अकाल पड गया लोग भूख के कारण मरने लगे उस रज्य के राजा ने घोसणा करवा दी कि रज्य की रज्य के सभी बच्चो को एक एक रोटी दी जाएगी। अगले दिन रज्य क सभी बच्चे राजा के महल के पास आकार इक्कठे हो गए। वह पर कुछ रोटी छोटी थीं तो कुछ रोटी बड़ी थीं। सभी बच्चे बड़ी रोटी पाना चाहते थे जिसके कारण उनकी आपस में धक्का मुक्की और लड़ाई होने लगी। राजा ने देखा कि एक छोटी सी लड़की चुपचाप खाड़ी थी अंत में एक सबसे छोटी रोटी बच्ची उस लड़की ने उस रोटी को ख़ुशी ख़ुशी लिया और घर चली गई। दुसरे दिन भी ऐसा ही हुआ जब रोटी बाटी जा रही थी तब भी उस लड़की को सबसे छोटी रोटी ही मिली उसने ख़ुशी ख़ुशी रोटी ली और घर चली गई।
घर जाकर जब वह रोटी खाने लगी तब उसमे एक सोने का सिक्का निकालता है उस लड़की के परिवार वालो ने कहा यह सोने का सिक्का राजा को वापस देआओ यह हमारी अमानत नही है। वह लड़की दौड़ कर राजा के महल पुह्ची और राजा से कहा मेरी रोटी में से यह सोने का सिक्का निकला है रोटी बनाते वक्त गलती से यह आटे में गिर गया होगा आप इसे वापस रख लीजिये। राजा उस लड़की की ईमानदारी को देखकर बहुत खुस हुआ राजा की कोई भी बेटी नही थी। इसलिए उसने उस लड़की को गोद ले लिया और उसके परिवार वालो को भी अपने महल में रख लिया। इतना ही नही कुछ दिनों के बाद राजा ने अपनी सारी की सारी संपत्ति उस लड़की के नाम कर दी।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है की ईमानदारी बड़े लोगो की अच्छाईयो में से एक है। ईमानदारी किसी भी व्यक्ति को अच्छाई के रस्ते पर ले जाती है।
10. दो आलसीयों की Story in Hindi with Moral
गर्मियों के दिन थे और दुपहर का समय दो आदमी सुबह सुबह आये और आम पेड़ के निचे सो गये धुप छन छन कर उनके उपर पढ़ रही थी। फिर भी वह नही उठे जहा थे वही पड़े रहे दोनों के बिच में एक आम टपका सुनहरे रंग का एक ने दुसरे से कहा दोस्त यह आम उठाकर मेरे मुह में डाल डो देखों तो कैसा है। दुसरे से कहा अरे कैसा उठों कुत्ता मेरा मुह चाट रहा है पहले तुम इसे हटा दो। तभी उधर से एक ऊंट वाला जा रहा था पहले आलसी ने पुकारा ओ ऊंट वाले भाई जरा इधर आना। ऊंट वाला भला था वह आया और पुछा क्या है? आलसी बोलता है।
अरे भाई यह आम उठाकर मेरे मुह में डाल दो ऊंट वाले ने कहा अच्छा इसी के लिए तुमने मुझे इतनी दूर से बोलया था बगल में पड़ा आम भी तुमसे उठाया नही जाता बड़े आलसी जान पड़े हो। आलसी की मदद तो भगवन भी नही करता आलसी बोलता है पहला आलसी बोला और तुम कम आलसी हो जो इतनी दूर आकार भी इतना छोटा सा काम नही कर सकते। ऊंट वाले ने कहा जो हाथ पैर नही उठाता उसका भला भगवन भी नही करता यह कहकर ऊंट वाला वहा से चला जाता है। आम दोनों के बिच पड़ा रहा दोनों आलसी किसी के आने का इंतज़ार करते रहे।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जो आलसी होता है उसका भला भगवन भी नही करता।
11. चार दोस्तों की कहानी
एक बार की बात है कि एक गाँव में चार दोस्त थे चारो को पढाई करना बिल्कुल भी पसंद नही था चारो पूरी पूरी फरात पार्टी करते रहते थे। एग्जाम के पहले दिन भी वह पार्टी कर रहे थे इसलिए उन्होंने सोचा कि वह टीचर के पास जाकर झूट कहेंगे और एग्जाम बाद में कभी दे देंगे।पार्टी करने के बाद दुसरे ही दिन चारो दोस्त टीचर के पास गए और टीचर से झूट बोलने लगे कि कल रात हम एक शादी में गए थे और शादी से लौटते समय हमारी गाडी का टायर पन्चर हो गया। हमारी गाडी में एक्स्ट्रा टायर नही था। इसलिए हमें गाडी को धक्का मारते मारते घर तक लेके आना पढ़ा जिसके कारण हम कल रात इतना थक गए थे कल एग्जाम है कि आज एग्जाम देने कि हालत में नही हैं।
तो क्या हम लोग एग्जाम बाद में दे सकते हैं टीचर ने उनकी बात सुनी और कहा तुम एग्जाम कल दे सकते हो। चारो दोस्त यह बात सुनकर बहुत ही खुस हो गये और घर जाकर पढाई करने लगे। दुसरे दिन चारो एग्जाम देने पहुचे टीचर ने उन्हें अलग-अलग क्लास रूम में बिठाया। quotation पेपर में केवल दो ही प्रश्न थे। पहला तुम्हरा नाम क्या है और दूसरा गाडी का कौन सा टायर पन्चर हो गया था। चारो ने झूट कहा था इसीलिए चारो के उत्तर अलग अलग थे। इस प्रकार से टीचर ने उनका झूट पकड लिया।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि झूट बोलना बुरी बात है इसीलिए हमें झूट कभी भी नही बोलना चाइये।
12. आदमी और बिल्ली की Story in Hindi with Moral
एक दिन एक बुढा आदमी रस्ते से चल रहा था अचानक उसकी नजर एक बिल्ली पर पढ़ी वो बिल्ली गड्डे में फास गयी थी और बहार निकलने की कोशिश कर रही थी। बुढे को उस बिल्ली पर दया आई उसने अपना हाथ मदद के लिए आगे बढाया पर बिल्ली डर गयी। बिल्ली ने अपना पंजा बुढे के हाथ पर मारा बुढे को चुट लगी और इसी लिए बुढे ने अपना हाथ पीछे ले लिया पर बुढे ने हार नही मानी वह बार बार बिल्ली की मदद के लिए आगे बढ़ता रहा। बिल्ली डर के मारे बार बार पंजा मरती रही। एक दूसरा आदमी वह खड़े खड़े सब कुछ देख रहा था। उसने बुढे से कहा तुम क्यों बिल्ली को बचाने की कोशिश कर रहे हो बिल्ली तो तुम्हे बार बार पंजा मार रही है। इस पर बुढे आदमी ने दुसरे आदमी से कहा बिल्ली अपना काम कर रही है और मैं आपना बिल्ली का काम है पंजा मरना और मेरा काम है उसे बचाना। बड़े ने अपनी कोशिश जरी रखी और बिल्ली को गड्डे से बहार निकला बिल्ली बहुत खुश हो गई और वह से चली गई
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी कभी दुसरो की मदद करने में हमें तकलीफ हो सकती है लेकिन हमें हमेशा दुसरो की मदद करने की कोशिश करनी चाइये।
13. खरगोश और कछुए की कहानी
एक दिन एक खरगोश और कछुये ने अपने बिच दौड़ लगाने की सोची। जंगल के सारे जानवर इस दौड़ को देखने के लिए इक्कठा हुये। बन्दर ने गोली चलाकर दौड़ की शुरुआत की खरगोश भागने लगा और कछुए को बहुत पीछे छोड़ आया उसने सोचा इस दौड़ को तो मैं ही जीतूँगा। इसलिए खरगोश ने सोचा कछुए के आने तक कुछ देर आराम कर लेता हूँ। फिर खरगोश हरी नर्म घास में लेट जाता है और उसे गहरी नीद आ जाती है। कछुया धीरे धीरे चलकर खरगोश को पार कर गया। जब खरगोश की नीद खुली तो उसने देखा कछुया तो दौड़ जीत चुका है।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अभिप्राये झुटा अभिमान घातक होता है।
14. शेर और चूहे की कहानी
एक बार एक चूहा भटक कर शेर की गुफा में जा पहुंचा जाता है और वह सोते हुए शेर के ऊपर उछल कूद करके खेलने लगाता है तभी अचानक से शेर की आंखें खुल जाती है और वह झपट्टा मारकर चूहे को पकड़ लेता है। ऐसे में चूहा अपनी जान की मिन्नतें मांगने लगता है और कहता है कि आप मुझे छोड़ दीजिए एक दिन मैं भी आपके काम आऊंगा इतना सुनकर शेर जोर जोर से हंसने लगता है और कहता है कि तू इतना छोटा सा प्राणी है तू मेरे किस काम आ सकता है।
परंतु फिर भी शेर ये सोचता है कि इस छोटे से जानवर को खाकर मेरा पेट तो भरेगा नहीं चलो इसको छोड़ ही देते हैं। लेकिन कुछ दिनों के बाद जब एक शिकारी शेर को अपने जाल में फास लेता है तो तुरंत चूहे की नजर पड़ जाती है और वह जाकर तुरंत अपने दांतो से उस जाल को कुतर देता है। जब जाकर शेर चूहे से माफ़ी मांगता है और चूहे से दोस्ती कर लेता है।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि छोटी से छोटी चीज आपके कब काम आ सकती है। या इसलिए कभी किसी के छोटे पन के लिए मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
15. लालची शेर की Story in Hindi with Moral
गर्मी के दिनों में जंगल के एक शेर को बहुत जोर से भूख लगी इसलिए वह खाने कुछ खाने के लिए इधर उधर इधर उधर तलाश करने लगा। कुछ देर खोजने के बाद उसे एक खरगोश मिला लेकिन उसे खाने के बजाये उसने उसे छोड़ दिया क्योंकि वह उसे बहुत ही छोटा लगा। फिर कुछ देर ढूंढने के बाद उसे रास्ते में एक हिरन मिला उसने उसका पीछा किया। लेकिन वो बहुत देर से खाने की तलश कर रहा था इसलिए वह बहुत थक गया था जिसके कारण वह हिरन को पकड नही पाया। अब जब उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला तो उसने वापस उस खरगोश को खाने के विषय में सोचा वो जब वापस जब उस स्थान में आया था। अब उसे वह पर कोई भी खरगोश नही मिला क्योंकि वो वह से जा चुका था। अब शेर काफी दुखी हुआ और बहुत दिनों तक उसे भूखा ही रहा पड़ा।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अत्यधिक लोभ करना कभी भी फलदायक नही है।
16. हाथी और उसके दोस्तों की कहानी
बहुत समय पहले की बात है एक अकेला हाथी एक अजीब जंगल में बसने आया। यह जंगल उसके लिए नया था और वह वहा दोस्त बनाने के लिए देख रहा था। वो सबसे पहले एक बन्दर से संपर्क किया और कहा नमस्ते भैया क्या आप मेरे दोस्त बनना चाहोंगे। बंदर ने कहा तुम मेरी तरह झूल नहीं सकते क्योंकि तुम बहत बड़े हो इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता। इसके बाद हाथी खरगोश के पास गया और वही सवाल पूछा खरगोश ने कहा तुम मेरे बिल में फिट होने के लिए बहुत बड़े हो इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता। फिर हाथी तलब में रहने वाले मेंढक के पास गया और फिर वही सवाल पूछा मेंढक ने जबाव दिया तुम मेरे जितने उचाई कूदने के लिए बहुत भरी हो इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता।
अब हाथी वास्तव में बहुत उदास था क्योंकि वह बहुत कोशिशो के वाबजूद दोस्त नही बना सका। फिर एक दिन अभी जानवर जंगल में इधर उधर दौड़ रहे थे। ये देख कर हाथी ने दौड़ रहे एक भालू से पूछा कि इस उपद्रव के पीछे का कारण क्या है? भालू ने कहा जंगल का शेर शिकार पर निकला है वे खुद को उससे बाचने के लिए भाग रहे हैं । ऐसे में हाथी शेर के पास गया और बोला कि कृपया इन निर्दोष लोगो को चोट न पहुचाओ कृपया उन्हें अकेला छोड़ दो।
शेर ने उसका मजाक उडाया और एक तरफ चले जाने को कहा। फिर हाथी को गुस्सा आया और उसने अपनी ताकत लगाकर धक्का दे दिया। जिससे वह घायल हो गया और वह से भाग खड़ा हुआ। अब बाकि जानवर धीरे धीरे बहार आ गए और शेर की हार को लेकर आनंदित होने लगे और वे सभी हाथी के पास गए और कहा तुम्हारा आकार एकदम सही है हमारा दोस्त बन्ने के लिये।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि एक व्यक्ति का आकार उनके मूल्य का निर्धारण नही करता है।
17. दो मेंढ़कों की Story in Hindi with Moral
एक बार दो मेढ़क एक गड्ढे में गिर जाते हैं जिसमें से एक बहरा मेढ़क रहता है दोनों को गड्ढे में गिरा देख बाकी के मेंढक आकर उन्हें निकालने का प्रयास करते हैं। परंतु वह निकल नहीं पाते तब जाकर बाकी मेढ़क उन दोनों मेंढक से बार-बार यह कहते हैं कि तुम लोग अब बाहर नहीं निकल पाओगे जिसके लिए वह काफी हतोत्साहित करने लगते हैं। उन मेढको की बात मानकर एक मेंढक अपने दूसरे मेडक से कहता कि हम लोग वाकई में नहीं निकल पाएंगे और वह वहीं बैठे बैठे दम तोड़ देता है परंतु दूसरा मेंढक जो बहरा रहता है।
वह कोशिश जारी किए रहता है और अंत में एक लंबी छलांग मारकर गड्ढे के बाहर आ जाता है जिससे बाकी मेढ़क सोच में पड़ जाते हैं कि इसने ऐसे कैसे कर लिया जबकि वह दूसरा मेंढक बहरा रहता है वह लोगों की बात नहीं सुन पाता और अपने प्रयास जारी किए रहता है।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमे यह शिक्षा मिलती है कि दूसरों की बातों पर ध्यान ना दे कर अपने काम पर ध्यान देना चाहिए इसी से आप सफल हो सकते हैं।
18. अँगूठी चोर और बीरबल की कहानी
एक बात है बादशाह अकबर के दरबार में बहुत ज्यादा भीड़ थी और तभी थोड़ी देर में अकबर को पता चला कि उनकी एक उनकी एक बहुत कीमती हीरे की अंगूठी अचानक ही गायब हो चुकी थी जो कि कुछ देर पहले उन्होंने अपनी ऊँगली में से उतर कर टेबल पर रखी थी। तभी बादशाह अकबर बहुत ज्यादा दुखी होते हुए अंगूठी वाली बात बीरबल से भी ये भी कहा कि यह अंगूठी उनके पिताजी की अमानत थी। जिसे वह बहुत प्यार करते थे। तो बीरबल ने बादशाह अकबर से कहा कि महाराजा आप बिल्कुल भी चिंता न करें।
मैं आपकी वो कीमती अंगूठी जरुर ढूंढ लूँगा तभी बीरबल ने सेनापति को ये आदेश दिया कि सेनापति कोई भी आदमी महल से बाहर न जाए ये सुनकर अंगूठी चोर बहुत ही ज्यादा चौक गया तभी बीरबल को एक तरकीब सूझी और उन्होंने महाराजा अकबर से कहा कि महाराजा आपकी चुराई है उसका पता लग चुका है। और आपकी अंगूठी दरबारियों में बैठे एक ऐसे आदमी के पास है। जिसकी दाढ़ी में एक तिनका फंसा हुआ है उसी ने चुराई है। आपकी हीरे की अंगूठी तभी जिस दरबारी ने अकबर की अंगूठी चुराई थीं। अचानक ही बहुत ज्यादा घबराहट के मारे अपनी दाढ़ी को देखने लगा। तभी बीरबल की नजर उस चोर पर पड़ गई
उसी समय बीरबल ने सैनिको को तुरंत उसकी तलाशी करने का आदेश दिया। उस आदमी की तलाशी लेने के बाद वो हीरे की अंगूठी उसी के पास निकली तभी उसी समय उस अंगूठी चोर को बीरबल ने कारगर में डलवा दिया। अब बादशाह अकबर उस अंगूठी को पाकर बहुत खुश हुए लेकिन फिर भी अकबर ने बीरबल से पूछा कि तुम्हे कैसे पता चला कि उसी के पास ही अंगूठी है। तो बीरबल ने अपनी प्यारी मुस्कान के साथ बादशाह अकबर से कहा कि महाराजा दाढ़ी में तिनके वाली बात मैंने झूट कही थी और जब वो चोर ये सुनकर बहुत ज्यादा घबराता हुआ अपनी दाढ़ी में देखने लगा उसी समय मैं समझ गया आपकी अंगूठी उसी से चुराई है।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral हमें यह शिक्षा मिलती है कि ताकत की जगह दिमाग का इस्तेमाल करने से हर समस्या का हल मिल सकता है।
20. लोमड़ी और सारस की कहानी
एक बार एक लोमड़ी और सारस के बीच दोस्ती हो जाती है जिसके बाद लोमड़ी सारस को अपने घर पर दावत के लिए बोलती है। जब सारस लोमड़ी के घर जाता है तो वहां लोमड़ी उसे समतल कटोरे में खाना परोसता है जोकि सारस को खाने में काफी कठिनाई होती है। लोमड़ी झटपट अपने खाने को खा लेता है इसके बाद सारस लोमड़ी को सबक सिखाने के लिए अपने घर पर उसकी दबात करता है। सारस उसे एक गहरे सुराही के बर्तन में खाना देता है जिसे सारस तो आसानी से चोंच डाल कर खा लेता है परंतु लोमड़ी को काफी ज्यादा कठिनाई होती है। तब जाकर लोमड़ी को एहसास होता है कि उसने सारस के साथ गलत व्यवहार किया था और उसके लिए वह उससे क्षमा भी मांगती है।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि एक दूसरे के प्रति हमेशा अच्छा आचरण और व्यवहार रखना चाहिए।
21. चतुर खरगोश की Story in Hindi with Moral
किसी जंगल में एक शेर रहता था। वह जंगल में रहने वाले सभी जानवरों को मरकर खा जाता था इसी कारण से जंगल के सभी जीव जन्तुओ को शेर से डर लगता था। एक बार सभी जानवरों ने शेर के साथ मिलकर समझौता कर लिया की अपनी बारी से शेर के पास पहुच जाता है और दुसरे जानवर बिना डर के जंगल में घूमते हैं। एक बार खरगोश की बारी आई वह धीरे धीरे शेर के पास जा ही रहा था कि अचानक रास्ते में उसे एक तरकीब सूझी और वो बहुत देर करके शेर के पास पंहुचा शेर भूखा होने के कारण बैचन अपनी गुफा के चक्कर लगा रहा था। खरगोश को देखकर शेर गरजा और बोला अरे खरगोश तुम इतनी देर से क्यों आये हो यहाँ भूख से मेरी जान निकली जा रही थी। खरगोश बोला महाराज हम पांच भाई आपकी सेवा के लिए आ ही रहे थे कि परन्तु रस्ते में एक दूसरा शेर मिल गया वह बोला कि वह जंगल का राजा है।
उसने हम पर हमला कर दिया और मेरे भाईयो को खा गया महाराजा मैं किसी तरह जान बचाकर यहाँ पंहुचा हूँ। यह बात सुनकर शेर बहुत ही क्रोधित हुआ और बोला कहा है वो दुष्ट जो अपने आप को राजा बता रहा है। मुझे दिखाओ में अभी उसका काम तमाम करता हूँ खरगोश शेर को कुए के पास ले गया जब शेर ने कुए में झाका तो उसे अपनी परछाई दिखाई दी। वो अपनी परछाई को दूसरा शेर समझकर वह जोर से गरजा और क्रोधित होकर उसने कुए के अंदर छलांग लगा दी। परन्तु उस कुए के अंदर कोई दूसरा शेर नही था। वह तो केवल जल ही जल था बहार निकलने का कोई रास्ता नही था। शेर बहुत देर तक पानी में झटपटाता रहा और वही डूब के मर गया। इस तरह नन्हे खरगोश ने अपनी चतुराई दिखाकर अपनी तथा अन्य जानवरों की जान बचा ली।
शिक्षा- इस Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि घोर संकट की परिस्थितियों में भी हमें सूझ बूझ और चतुराई से काम लेना चाहिए और आखिरी दम तक प्रयास करना चाहिए।
22. चालाक लोमड़ी और मूर्ख कौवा की कहानी
बहुत पुरानी बात है एक कौवा भोजन की तलश में इधर उधर भटक रहा था परन्तु उसके हाथ कुछ ला लगा। वह थका हरा एक पेड पर जा बैठा अरे वा किस्मत हो तो ऐसी उसे एक प्लेट में पनीर का एक टुकड़ा दिखाई देता है। वो प्लेट के पास पंहुचा और उसने अपनी चोच से पनीर का टुकड़ा उठा लिया और उड़ने लगा। बहुत से कौवे उसके पीछे पीछे उड़ने लगे वो भी पनीर को उससे छिनना चाहते थे। वो सबको चकमा देने में आमयाब हो गया और एक पेड़ की शाखा पर जाकर बैठ गया। उधर ही कहीं एक लोमड़ी वह से गुजर रही थी लोमड़ी ने कौवे की चोच में फसा पनीर देखा तो उसके मुह में पानी आ गया।
उसने जल्द ही कौवे से उसका पनीर अपने कब्जे में लेने की योजना बनाई और उसने कौवे की ओर देखा और बोली अरे कौवे भाई तुम कितने खुबसूरत हो। मैं अपना परिचय तुम्हे दे दूँ, मैं एक भोली भाली लोमड़ी हूँ। मेरी सहलीयो ने मुझे बताया है कि तुम्हारी आवाज में एक गजब मिठास है क्या यह बात सही है। कौवा यह सुनकर हैरान रह गया आज तक तो किसी ने उसकी आवाज की तारीफ नही की थी। परन्तु वह चुप रहा। कौवे भाई अपनी मधुर आवाज में क्या तुम मेरे लिए एक गाना नही गा सकते सुनाओ न भईया परन्तु कौवा अभी भी मौन था।
लोमड़ी फिर बोली क्या तुम अपनी प्यारी बहन की इतनी सी इच्छा पूरी नही कर सकते? तुम कितने सुंदर हो तुम्हारे पंखो का तो कहना ही क्या। मेरे लिए एक गाना गाओ न कौवे भईया। कौवे उसके झासे में आ गया उसने अपनी चोच खोली और लगा कंव कंव करने। अरे यह क्या पनीर उसकी चोच से निकला और जमीन पर आ गिरा। लोमड़ी ने झट से उसे झपट लिया और खा गयी। लेकिन जब तक कौवे को समझ मे आता कि क्या हुआ लोमड़ी वहा से चल दी। कौवा उदास हो गया। अब पछताये क्या होत जब चिड़ियाँ चुन गई खेत।
शिक्षा- इस Small Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि चापलूसों से बचो और चापलूसों का विश्वास नही करना चाइये।
23. झूठे सियार की कहानी
एक बार एक सियार जंगल में भटक कर आ गया था और वह चलते-चलते एक नीले रंग के हौदे में गिर जाता है जब वह बाहर निकलता है। तो उसका पूरा शरीर नीले रंग का हो जाता है जिसके बाद जंगल के सभी जानवर उसको देख कर इधर-उधर भागने लगते हैं और उससे डरने लगते हैं। तब वह सभी जानवरों को संबोधित करते हुए कहता है कि तुम लोग डरो नहीं मैं ईश्वर का दूत हूं मुझे ईश्वर ने तुम लोग की रक्षा के लिए भेजा है। आज से मैं ही तुम लोग का राजा रहूंगा और यह बात जंगल के सभी जानवर मान लेते हैं।
एक बार जब सियार अपना दरबार लगा कर बैठा था तभी उसके कान में उसकी प्रजाति के सियार के चिल्लाने की आवाज जाती है जिसके बाद वह भी जोर जोर से चिल्लाने लगता है तब जाकर सभी जानवर समझ जाते हैं ये कोई ईश्वर का दूत नहीं बल्कि एक मामूली सा सियार ही है जिसके बाद सभी जानवर उसे पीट-पीटकर मार डालते हैं।
शिक्षा- इस 10 Lines Short Stories with Moral in Hindi से हमें यह शिक्षा मिलती है कि झूठ बोलने की आदत एक दिन आप को मौत के घाट भी उतार सकती है इसलिए झूठ कभी नहीं बोलना चाहिए।
24. किसान और कुंए की कहानी
आज हम आपको Hindi Moral Stories for 10th Class की सुनने जा रहे हैं। एक गाँव में राम नाम का एक किसान रहता था। वह बहुत मेहनती था और अपने खेत में अलग अलग प्रकार की सब्जियां उगाया करता था। गर्मियों का मौसम आने वाला था इसलिए वो अपने खेत के लिए नया पानी का स्रोत्र ढोढ रहा था। फिर अपने पड़ोसी के पास से पानी कुंया खरीदता है और वह पडोसी मान जाता है। परन्तु जब वह किसान कुए से पानी लेने जाता है वह पडोसी उसको रुक देता है और पानी लेने से मना कर देता है। किसान बोलता है अरे क्यों अब यह कुयाँ तो मेरा है मैं इसके संदर से जितना चाहों पानी ले सकता हूँ। वह व्यक्ति बोलता है मैंने सिर्फ तुम्हे यह कुयाँ बेचा है इसके अंदर का पानी नही इसलिए तुम इसके पानी का इस्तेमाल नही कर सकते।
यह बात सुनकर वह बहुत चिंतित हो जाता है और बोलता है ऐसा है तो चलो सरपंज जी के पास वह व्यक्ति बोलता है हाँ चलो चलते हैं। दोनों मिलकर फिर सरपंज जी के पास जाते हैं अपनी समस्या लेकर वह व्यक्ति सरपंज जी से कहता है कि मैंने सिर्फ इसे अपना कुयाँ बेचा है पानी नही परन्तु फिर भी यह मेरा पानी इस्तेमाल करना चाहता है। यह बात सुनकर गाँव का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति राजेश बोलता है यदि तुमने उसे सिर्फ कुयाँ बेचा है पानी नही तो तुमने अपना सारा पानी उसके कुएं में क्यों रखा है अपना सारा पानी उसके कुएं में से निकल दो। जब उस पडोसी को यह बात पता चल गई कि अब वो पकड़ा गया है तो उसने राम से माफ़ी मांगी।
शिक्षा- इस Short Story in Hindi with Moral से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अपने आपको दूसरे से अधिक चालाक नहीं समझना चाहिए। साथ ही धोखा देने की आदत से भी दूर रहना चाहिए।
25. चालक बंदर और मगरमच्छ की कहानी
नदी के किनारे जामुन के पेड़ था उस पेड़ पर एक बंदर रहता था। उसकी दोस्ती नदी में रहने वाले एक मगरमच्छ से हो गई। मगरमच्छ की पीठ पर बैठकर बंदर पूरी नदी की सयर करता और बंदर बदले में मगरमच्छ को जामुन खिलाता और उसकी पत्नी के लिए भी जामुन भेजता था। जामुन खाकर मगरमच्छ की पत्नी की इच्छा बंदर का कलेजा खाने की हुई। उसने मगरमच्छ को कहकर बंदर को अपने घर बोलवाया घर जाते समय मगरमच्छ ने बंदर को सच बता दिया कि उसकी पत्नी बंदर का कलेजा खाना चाहती है।
यह सुनकर बंदर मगरमच्छ की चाल समझ गया और उसने मगर मच्छ से कहा भैया मैं तो अपना कलेजा पेड़ पर ही छोड़ आया हूँ। इसलिए जल्दी से मुझे पेड़ पर ले चलो बंदर कि यह बात सुनकर मगरमच्छ पेड़ कि ओर मुड गया और जैसे ही मगरमच्छ पेड़ के पास पंहुचा बंदर उछलकर पेड़ पर चढ़ गया और उसकी जान बच गई।
शिक्षा- इस Top 25 Moral Stories in Hindi से हमें यह शिक्षा मिलती है कि संकट के समय हमें घबराना नहीं चाहिए। मुसीबत के समय अपनी बुद्धि का उपयोग कर उसे दूर करने का उपाय सोचना चाहिए।
निष्कर्ष
आपको आज का हमारा यह Story in Hindi with Moral का आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा। हमने आपको हिंदी नैतिक कहानियां दी गयी है। मुझे उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा लिखी गईं यह सभी कहानियां बहुत पसंद आयी होगी और आपको इनमे से बहुत सी कहानियां पढ़कर अपने बचपन की याद भी जरूर आयी होगी। अब मुझे उम्मीद है कि इससे संबंधित आपके सभी प्रश्न दूर हो गए होंगे। यदि आपके मन में अभी भी कोई प्रश्न है तो कृपया नीचे कमेंट करके हमें जरुर बताएं। हम आपको जल्द से जल्द जवाब देने की कोशिश करेंगे।