सबसे पुरानी फिल्म का नाम क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में
नमस्कार दोस्तों आपका हमारा सपोर्ट वेबसाइट पर स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम जिस टॉपिक के बारे में बताएँगे वो है सबसे पुरानी फिल्म का नाम क्या है? क्या आप जानते हैं भारत की सबसे पुरानी फिल्म कौन सी है नही जानते हैं तो हमारा यह आर्टिकल आपके लिए बहुत फायदेमंद होने वाला है क्योंकि आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको भारत की पहली फिल्म कौन सी थी इसके बारे में बताएँगे। हमारे भारत देश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय दो चीजे हैं पहला क्रिकेट और दूसरा फिल्मे हैं। क्रिकेट के बारे में तो अधिकतर लोगो को पता होता है लेकिन Sabse Purani Film Ka Naam और उसके इतिहास के बारे में नही जनते हैं।
आपकी अधिक जानकारी के लिए बता दें कि फिल्म प्रोड्क्शन के आधार पर भारतीय फिल्म उद्योग दुनिया के सबसे बड़े फिल्म उद्योग में से एक है। भारत में बहुत सी भाषाओ में बहुत सी फिल्मो को रिलीज किया जाता है जैसे कि हिंदी तमिल मलयामल पंजाबी और तेलुगु जैसी कई भाषाएँ की फिल्मे होती हैं। लेकिन इनमे से सबसे मुख्य भाषा हिंदी है हिंदी फिल्मो को बॉलीवुड नाम से जाना जाता है। ये फिल्मे अधिकतर मुंबई में बनाई जाती है। अगर आपको पुरानी फिल्मे पसंद है और आप सबसे पुरानी फिल्म का नाम क्या है जनना चाहते हैं तो आपको हमारे इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक अंत तक पढना होगा।
सबसे पुरानी फिल्म का नाम क्या है?
अगर आप जनना चाहते हैं भारत की पहली फिल्म कौन सी थी तो हम आपको बता दें कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्रीज का इतिहास सौ साल से भी पुराना हो चुका है। और भारत कि पहली फिल्म राजा हरिश्चन्द्र है जो 3 मई 1913 में रिलीज हुई थी। लेकिन फीचर्स फिल्म के रूप में रिलीज राजा हरिश्चन्द्र से पहले ही भारत में फिल्मो का प्रोडक्शन शुरू हो चुका था। तकरीबन 17 साल पहले यानि कि 1896 में ही भारत में पहली बार फिल्मो का प्रदर्शन किया गया था। यह बात बिग्र है कि वे फिल्मे न सिर्फ भारतीय द्वारा बनाई गई थी और न ही वे फीचर्स फिल्मे थीं। ये बिना कहानी के एक एक सोर्ट्स वाली फिल्मे थीं।
आपकी अधिक जानकारी के लिए बता दें कि दादासाहब फालके की उपाख्य दी गई है इन्हे भारतीय फिल्म उद्योग का पितामहा कहा जाता है। अभी तक भारतीय फिल्मो में बहुत से उतर चढाव देखने को मिला है। आज के समय में हम लोगो को रंगीन फिल्मे देखने को मिलती हैं लेकिन पहले के समय में फिल्मे साइलेंट मतलब कि यह कि पहले की फिल्मे बिना आबाज की ब्लैक एंड व्हाइट स्क्रीन में बनाई गयी थी। आपकी अधिकजानकारी के लिए बता दें कि राजा हरिश्चन्द्र फिल्म को बनने का का श्रेय दादा साहब फाल्के को दिया जाता है। दादा साहब फाल्के का जन्म 30 अप्रेल 1870 में हुआ था इन्होने अपने जीवन काल में 95 फीचर फिल्म और 27 शॉर्ट मूवी बनाई थी।
दादा साहब फाल्के फिल्म प्रोडूसर होने के साथ साथ डायरेक्टर और स्क्रीनराईटर में भी शामिल थे। दादा साहब फाल्के जी की मूवी बनाने की प्रेरणा उस समय मिली जब ये मुंबई के सिनेमाघर में एक अंग्रेजी फिल्म देखी थी। The Life Of Christ फिल्म देखने के बाद दादा साहब फाल्के ने फिल्म बनने के बारे सोचा और फिल्म बनने कि तैयारी भी उन्होंने शुरू कर दी। दादा साहब फाल्के फिल्म बनाने के तकनिकी को सिखने के लिए लंदन गए थे। लंदन से लौटकर आने के बाद इन्होने भारत देश में फिल्म बनने का कार्य शुरू किया था। दादा साहब फाल्के ने कुछ चुनौतियों को पार करने के बाद फाल्के जी ने भारत की पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र का निर्माण किया था। दादा साहब फाल्के की मृत्यु 16 फरवरी 1944 को हुई थी।
पुरानी फिल्मों के नाम
- Kagaz Ke Phool
- Amar Akbar Anthony
- Chasme Buddoor
- Abhiman
- Do Bigha Zameen
- Alam Ara
- Bawarchi
- Don
- Mera Naam Joker
- Padosan
Kagaz Ke Phool सबसे पुरानी फिल्म का नाम
कागज़ के फूल यह एक रोमांटिक ड्रामा मूवी है जो कि 1959 में रिलीज की गई थी। इस मूवी की स्टोरी सोरेश के बारे में है वह एक फेमस डायरेक्टर है और शांति को अपनी फिल्म में रीड रोल देता है। शांति एक अनाता लड़की है फिल्म में रीड रोल का कार्य करने के बाद शांति एक सुपर स्टार बन जाती है और सोरेश का करियर गिरता चला जाता है। इस मूवी में सोरेश का किरदार गुरु दत्त ने निभाया है और शांति का किरदार बहिरा रहमान ने निभाया है। इस फिल्म में गुरु दत्त ने मुख्य भूमिका निभाई है यह फिल्म अपने समय में एक बॉक्स ऑफिस ज्यादा चली नहीं थी। एक तरह से यह कह सकते हैं कि फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप हो गयी थी लेकिन बाद में 1980 के दशक में फिल्म को विश्व सिनेमा के पंथ क्लासिक के रूप में माना गया।
Amar Akbar Anthony
अमर अकबर अन्थोनी एक ड्रामा मूवी है जो कि 1977 में रिलीज की गई थी। इस मूवी की स्टोरी तीन भाईयो के बारे में है जो अलग अलग धर्म में बड़े होते हैं। जब काफी सालो बाद वे मिलते हैं तो वो एक दुसरे को अलग करने वालो से बदला लेना चाहते हैं। इस फिल्मे में अमिताभ बच्चन विनोद खन्ना और ऋषि कपूर ने काम किया है। इस फिल्म ये तीनो भाईयो में सबसे बड़ा भाई अमर विनोद कन्ना अब पुलिस बन चुका होता है और दूसरा बेटा अन्थोनी (अमिताभ बच्चन) शराब का व्यपारी है और सबसे छोटा भाई अकबर इलाहाबादी ऋषि कपूर कव्वाली गायक है। एक बार यह तीनो भाई सड़क दुर्घटना में घायल एक औरत की जान बचने के लिए खून देते हैं। वे तीनो इस बात से अंजन रहते हैं कि वह औरत उनकी माँ भारती है जो फूल बेचने का काम करती है। एक्सीडेंट के कारण इन तीनो की माँ भारती की माँ की आंखे चली जाती हैं।
Chasme Buddoor
चश्मे बुद्दूर एक रोमांटिक मूवी है जो कि 1981 में रिलीज की गई थी। इस मूवी की स्टोरी सिद्धार्थ उमी जय तीन दोस्तों के बारे में है। ओमी और जय सीमा को पटना चाहते हैं पर वह उन्हें भाव नही देती है। एक दिन सीमा की मुलाकात सिद्धार्थ से होती है और वो दोनों ही एक दुसरे को पसंद करने लगते हैं। ओमी और जय को जब इस बात कि खबर होती है तो वो झूट बोलकर दोनों को अलग करना चाहते हैं। इस मूवी में फारुख शेख दीप्ति नवल रवि बासवानी और राकेश बेदी ने काम किया है।
Abhiman सबसे पुरानी फिल्म का नाम
अभिमान यह भी एक ड्रामा मूवी है जो कि 1973 में रिलीज की गई थी। इस मूवी की स्टोरी सुधीर के बारे में है। यह एक मसहुर सिंगर है और अपनी बीबी उमा को भी सिंगर बनना चाहता है। जब उमा सुधीर से भी ज्यादा कमयाब सिंगर बन जाती है तो उन दोनों के रिश्ते में तनाब आ जाता है इस मूवी में सुधीर का किरदार अमिताभ बच्चन ने निभाया है और उमा का किरदार जाया बच्चन ने निभाया है।
Do Bigha Zameen
यह एक ड्रामा मूवी है जो कि 1953 में रिलीज की गई थी। इस मूवी की स्टोरी सम्भु के बारे में है। सम्भु ने एक जमीन डर से लोन ले रखा है अगर उन्होंने जमीनदार का लोन नहीं चुकाया तो वो उनकी दो बीघा जमीन कब्जिया लेगा। सम्भु लोन चुकाने के लिए कोल्कता में रिक्सा चलाना शुरू कर देता है। इस मूवी में सम्भु का किरदार बलराज सहनी ने निभाया है।
Alam Ara सबसे पुरानी फिल्म का नाम
भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा है इस मूवी को 14 मार्च 1931को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में अर्देशिर ईरानी ने फ़िल्म के नायक की भूमिका निभाई मास्टर विट्ठल ने और नायिका थीं ज़ुबैदा इस फिल्म में प्रथ्वीराज ने भी एक अहम भूमिका निभाई है। आलमआरा फिल्म को देखने के लिए जबरजास्त जन सैलाब उमड़ा था यहाँ तक कि दर्शको को काबू में रखने के लिए लाठियें भी उस वक्त उठाना पढ़ी थी। आज आलम आरा का कोई दर्शक ये बताने के लिए इस दुनिया में नही है लेकिन किस्से कहानियों में ये फिल्म जरुर अमर हो गई है। इस बोलती पहली फिल्म को न तो शुद्ध हिंदी कहा जा सकता है और न ही शुद्ध उर्दो यह मिली झोली हिन्दुस्तानी थी जिसे पारसी शैली के नाटक लेखक नारायण प्रशाद वेताब ने दूध में घोली मिसरी की दली बताया था।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको सबसे पुरानी फिल्म का नाम क्या है? इसके बारे में आपको जानकारी दी। अब आप हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर जान चुके होंगे कि हिंदी फिल्म पुरानी के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आपको हमारे इस आर्टिकल में Sabse Purani Film Ka Naam पता चल गया होगा। अब मुझे उम्मीद है कि इससे संबंधित आपके सभी प्रश्न दूर हो गए होंगे। यदि आपके मन में अभी भी कोई प्रश्न है तो कृपया नीचे कमेंट करके हमें जरुर बताएं। हम आपको जल्द से जल्द जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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