प्रार्थना पत्र कैसे लिखा जाता है? Prathna Patra in Hindi
स्कूल कॉलेज में किसी समस्या को लेकर आपने Prathna Patra जरूर लिखा होगा। स्कूल से छुट्टी लेने के लिए या फिर स्कूल की फीस माफ करने के लिए आप अपने प्रिंसिपल या किसी अन्य अध्यापक के लिए प्रार्थना पत्र जरूर लिखते हैं। आज हम प्रार्थना पत्र की इसीलिए बात कर रहे हैं क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे की प्रार्थना पत्र कैसे लिखा जाता है? वैसे तो प्रत्येक छात्र प्रार्थना पत्र लिखना जानता है लेकिन कुछ बेसिक जानकारी जो की Prathna Patra लिखने में आपकी काफी ज्यादा मदद करेंगी इस आर्टिकल में बताई गई हैं।
Prathna Patra क्या है?
वह सभी पत्र जिसमें प्रार्थना या निवेदन का भाव उसे प्रार्थना पत्र कहते हैं। कोई भी प्रार्थना पत्र एक निश्चित विषय से संबंधित होता है। एक प्रार्थना पत्र में एक विषय के बारे में हम अपनी समस्या को बताते हैं। आपने अपने स्कूल या कॉलेज में किसी समस्या को लेकर किसी अध्यापक को जरूर प्रार्थना पत्र लिखा होगा। जरूरी नहीं है कि प्रार्थना पत्र केवल स्कूल या कॉलेजों में ही छात्रों के द्वारा लिखे जाते हैं। यह प्रार्थना पत्र किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा किसी व्यक्ति से अपनी समस्या को हल कराने के लिए भी लिखा जा सकता है।
प्रार्थना पत्र क्यों लिखते हैं?
स्कूल या कॉलेज में छात्रों के द्वारा प्रार्थना पत्र इसलिए लिखे जाते हैं क्योंकि उन्हें अपनी किसी समस्या को अपने किसी अध्यापक किया स्कूल या कॉलेज के प्रिंसिपल को बतानी है। छात्र अपनी समस्या से संबंधित विषय पर एक कागज पर जानकारी प्रिंसिपल को प्रदान करते हैं और बाद में प्रिंसिपल इस समस्या को हल करने का प्रयास भी करता है। प्रार्थना पत्र किसी व्यक्ति के द्वारा एक विषय पर किसी संबंधित विभाग के लिए भी लिखा जा सकता है। इस प्रार्थना पत्र में व्यक्ति अपनी समस्या से संबंधित जानकारी को प्रदान करता है। किसी राजनेता से संबंधित समस्या को हल कराने के लिए भी व्यक्ति राजनेता को प्रार्थना पत्र लिखते हैं।
Prathna Patra कैसे लिखा जाता है?
Prathna Patra लिखते समय आपके पास कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां होना काफी ज्यादा जरूरी है। आपके द्वारा लिखा गया एक प्रार्थना पत्र औपचारिक ढंग से और एक अच्छी भाषा में लिखा होना चाहिए। प्रार्थना पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
- प्रार्थना पत्र लिखने के लिए आप जिस कागज का इस्तेमाल कर रहे हैं वह साफ और सफेद रंग का होना चाहिए।
- प्रार्थना पत्र में किसी निश्चित विषय से संबंधित जानकारी का एक संक्षिप्त विवरण होना चाहिए।
- किसी भी प्रार्थना पत्र की शुरुआत हमेशा ‘सेवा में’ शब्द से होती है।
- जिस व्यक्ति या अधिकारी के लिए पत्र लिख रहे हैं तो उस अधिकारी या व्यक्ति के पद का नाम और संस्था का नाम जरूर लिखना चाहिए।
- इन सभी जानकारी को लिखने के बाद आपको कुछ लाइनें छोड़कर दोबारा से ‘महोदय’ शब्द का इस्तेमाल करके प्रार्थना पत्र की शुरुआत करनी है।
- अब आप अपने विषय से संबंधित समस्या को एक संक्षिप्त रूप में लिखें।
- अंत में आपको अपना नाम और दिनांक लिखकर प्रार्थना पत्र कंप्लीट कर लेना है।
ऊपर बताई गई सभी बातों का ध्यान एक प्रार्थना पत्र लिखते समय जरूर करना चाहिए। अब हम आपको एक प्रार्थना पत्र नीचे लेकर दिखा रहे हैं। यह प्रार्थना पत्र एक उदाहरण के तौर पर है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य को 2 दिन के अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र।
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य जी,
श्री कृष्ण इंटर कॉलेज,
नवाबगंज बरेली।
विषय: विद्यालय के अवकाश मांगने हेतु प्रार्थना पत्र।
महोदय,
नम्र निवेदन इस प्रकार है कि मेरा नाम सिद्धार्थ शुक्ला है और मैं आपके विद्यालय के कक्षा 10 का विद्यार्थी हूं। मेरा स्वास्थ्य कुछ दिनों से ठीक नहीं है और डॉक्टर ने मुझे घर पर आराम करने की सलाह दी है। मैं स्कूल आने में असमर्थ हूं। इसीलिए मैं आपसे विद्यालय के 3 दिन का अवकाश मांगने की प्रार्थना करता हूं। कृपया आप मुझे 3 दिन का अवकाश प्रदान करें। आप की अति महान कृपा होगी।
आपका आज्ञाकारी छात्र,
सिद्धार्थ शुक्ला,
कक्षा 10
दिनांक……
इसी तरह से आप किसी भी प्रार्थना पत्र को काफी आसानी से लिख सकते हैं। अगर आपको कोई भी समस्या हो तो आप हमें जरूर बताएं।
निष्कर्ष
उम्मीद है कि आप इस आर्टिकल की मदद से Prathna Patra लिखना सीख गए होंगे। किसी भी प्रार्थना पत्र को लिखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी होनी चाहिए जो कि हमने आपको स्टेप्स बाय स्टेप बताई हैं। अगर आपको किसी भी विषय पर किसी प्रार्थना पत्र को लिखना है तो आप हमारे द्वारा बताए गए एक उदाहरण वाली प्रार्थना पत्र के तरीके से प्रार्थना पत्र लिख सकते हैं।