मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए और इसे कैसे चेक करें?
नमस्कार दोस्तों आपका हमारा सपोर्ट वेबसाइट पर स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम जिस टॉपिक के बारे में बताएँगे वो आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है। क्योंकि आज का हमारा टॉपिक है मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए? मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल करने वाले बहुत ही कम लोगो को रेडिएशन के बारे में पता होता है। क्या आप जानते हैं कि आपके फ़ोन की स्पेशिफिक एब्जॉर्ब्प्शन रेट (SAR) वैल्यू 1.6 W/Kg से ज्यादा होना आपके लिए डेंजरस है। कौन सी डिवाइस कितना रेडिएशन फला रही है इसकी जानकारी हम SAR वैल्यू से पता कर सकते हैं। मोबाइल रेडिएशन पशु पक्षी नही बल्कि इंसानों की जान का भी दुसमन है।
टेक्नोलॉजी दिग्गजों का कहना है कि जिस स्मार्ट फ़ोन से यूजर एक मिनट दूर नहीं रहना चाहते हैं असल में वो एक साइलेंट किलर है। मोबाइल रेडिएशन से मानसिक अवसाद समेत और भी घातक बीमारियाँ होने की आंशका रहती है। लेकिन बहुत ही कम यूजर होंगे जो स्मार्ट फ़ोन खरीदते वक्त मोबाइल रेडिएशन चेक करते होंगे। लेकिन हम आपको बता दें कि आप जब भी स्मार्ट फ़ोन खरीदते हैं तो आपको रेडिएशन (SAR) लेवल आफ्टर सेल सर्विश री सेल वैल्यू चेक करके स्मार्ट फ़ोन खरीदना चाहिए।
अगर आपको मोबाइल फ़ोन की अच्छी जानकारी है तो आप 2 मिनिट में यह जान सकते हैं कि आपके फ़ोन का रेडिएशन लेवल क्या है। यदि आपके मोबाइल फ़ोन का रेडिएशन ज्यादा है तो यह बीमारियों का कारण बन सकता है। कई बार यह दावा किया जा चूका है कि फ़ोन रेडिएशन की बजह से कैंसर बन सकता है हलकी अभी तक ऐसा कुछ प्रोफ नही हुआ है। रेडिएशन (SAR) लेवल के बारे में बहुत से यूजर को पता नही होता है। अगर आप जनना चाहते हैं मोबाइल रेडिएशन क्या होता है और मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए इसके लिए आपको हमारे इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक अंत तक पढना होगा।
रेडिएशन क्या होता है?
दोस्तों रेडिएशन अंतरिष्ट के के निर्माण से भ्रमण के निर्माण के समय से ही हमारे अन्तरिक्ष में उपस्थित है। ये मानव निर्विधि होती है और प्रकर्ति भी होती है। प्रकर्ति स्रोत की अगर हम बात करें तो आपके सूर्य की जो किरणें हैं उनमे भी रेडिएशन या विकिरण होता है लेकिन हमारे वायुमण्डल की बजह से वो हम तक नही पहुच पाता है। आपकी अधिक जानकारी के लिए बता दें कि आपके माइक्रोब्स में भी रेडिएशन होता है मोबाइल कण्ट्रोल में होता है। जब आप हॉस्पिटल में जाते हैं और वह एक्सरे कराते हैं उस एक्सरे मशीन से भी रेडिएशन निकलता है।
लेकिन रेडिएशन की एक सिमित मात्रा होती है जितना आपका शारीर ग्रहण कर लेता है उसके बाद में अगर उससे भी अधिक मत्रा में रेडिएशन आपके शारीर में पहुचता है तो आपको नुकसान पंहुचा सकता है।मोबाइल का रेडिएशन कैसे चेक करे तो बता दें कि रेडिएशन हर जगह खतरनाक नही होता है आज कल रेडिएशन के प्रयोग के कैंसर जैसे असाद रोग का भी इलाज किया जा रहा है। कैंसर की कोशिकाओ को नष्ट करने के लिए रेडिएशन की तरंगो का उपयोग किया जाता है और इसे रेडिएशन थर भी कहते हैं। मोबाइल की दौरान शारीर में जाने वाले रेडिएशन को SAR कहते हैं और इस SAR की मत्रा को भारत सरकार ने एक मानक दिया है।
एक निशिचित SAR मानक से ज्यादा अगर आपके शारीर में मोबाइल से रेडिएशन जा रहा है तो आपके शारीर को हानिकारण हो सकता है।हर मोबाइल कंपनी को SAR की मात्रा निर्धारित का निर्देश दिया गया है कि आपके मोबाइल से 1.6 से ज्यादा SAR उत्सर्जित ना हो। इससे ज्यादा SAR अगर आपके मोबाइल फ़ोन से उत्सर्जित होता है तो यह SAR आपके शारीर को हानि पंहुचा सकता है इसलिए मोबाइल का रेडिएशन कैसे चेक करे इसके बारे में आपको जानकारी होना बहुत जरुरी है। मोबाइल का रेडिएशन कैसे चेक करे इसके बारे में हम आपको निचे बताने वाले हैं।
मोबाइल का रेडिएशन कैसे चेक करे?
अगर कोई नया मोबाइल फ़ोन खरीदने जा रहे है और खरीदने से पहले आप जनना चाहते हैं या अपने पास मौजूद मोबाइल का रेडिएशन कैसे चेक करे? तो आप बिल्कुल सही जगह आये हैं हम आपको अब रेडिएशन चेक करने के बारे बताने वाले हैं। आज हम आपको How to Check Mobile Radiation का तरीके बताएँगे जिससे आप बहुत ही आसानी से अपने मोबाइल फ़ोन के रेडिएशन को चेक कर सकते हैं।
मोबाइल रेडिएशन चेक करने के लिए आप जो फ़ोन यूज़ कर रहे हैं और उसका मैनुअल आपसे मिस हो गया है तो हम आपको आज एक ऐसा नंबर बताएँगे जिसे डायल करके आप Mobile Radiation Check Code पता कर सकते हैं। अब हम आपको Mobile Radiation Check Number *#07# जैसे ही आप इस को डायल करेंगे तो आपका मोबाइल फ़ोन अपने आप ही ऑटोमैटिकली रेडिएशन (SAR) नंबर शो कर देगा। अगर आपके मोबाइल का रेडिएशन नंबर 1.6 W/Kg से ज्यादा है तो आप समझ जाईये कि आपको मोबाइल बदलने की अवश्कता है।
मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए और इससे होने वाले नुकसान
आज कल हर कोई स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल कर रहा है इतनी बिजी लाइफ में स्मार्ट फ़ोन का उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। एक अनुमान के अनुशार 2022 तक सिर्फ भारत में ही (900M) 900 करोड़ लोग स्मार्ट फोन यूजर होंगे जबकि भारत की कुल आवधि 138 करोड़ है। लोग इन छोटो डिवाइस की सहयता से एक दुसरे के साथ कनेक्ट और अपडेट रहते हैं। यहाँ तक कि स्मार्ट फ़ोन मनोरंजन का भी एक अच्छा साधन बन गया है इससे शॉपिंग मूवी टिकट फ़्लैट टिकट इत्यादि सभी चीजो को टैग करने के लिए चोस किया जा रहा है। आज कल स्मार्ट फ़ोन के बिना लाइफ अधूरी सी है यह एक जरूरत के साथ आदत भी बन गया है। यदि स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं तो जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से इसके बहुत सारे नुकसान भी हैं। तो आइये जानते हैं इसके नुकसान के बारे में।
- स्मार्ट फ़ोन से निकलने वाली ब्लू लाइट से आँखों में कैटरेक्ट जैसी बीमारी हो सकती हैं। लम्बे समय तक आँखों पर इतनी तेज रौशनी पढना से आँखों की रेटिना धीरे धीरे कम होने लगती है।
- ज्यादातर लोगो को आदत होती है कि वो अपना फ़ोन जेब में रखते है। पूरा दिन मोबाइल फ़ोन को इसी तरह से रखने से आपकी हड्डियों पर Electromagnetic विकिरण का सीधा प्रभाव पढता है। जिससे आपकी हड्डियों में मेनरारिकोड़ की कमी के कारण हडियाँ कमजोर होने लगती हैं।
- लम्बे समय तक मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करने से हमारा दिमाग थक जाता है जिससे स्ट्रेस डिप्रेशन जैसे रोग हो जाते हैं।
- ज्यादा रात तक मोबाइल फ़ोन का यूज़ करने से हमारी नीद नहीं खोल पाती है और सुबह हमारे दिमाग सही से काम नहीं करता है। जिसके कारण हमारा मन कोई भी काम करने का नही करता है।
- घंटो तक गर्दन झोकाए फ़ोन में बिजी रहने से गर्दन में दर्द की प्रॉब्लम हो सकती है और यह प्रॉब्लम धीरे धीरे बहुत बड़ी हो सकती है।
मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए और इससे बचने के उपाए
आपने ऊपर पढ़ा कि मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए और अब हम आपको बतायेंगे रेडिएशन के उपाए।आज कल हर किसी के हाथ में मोबाइल फ़ोन होना बहुत ही आम बात है लेकिन क्या आप जानते हैं जिस मोबाइल से आप पुरे देश में दुनिया से बात कर रहे हैं वो आपके लिए हानिकारण भी हो सकता है। एक्स्पेट का कहना है कि मोबाइल फ़ोन के अधिक इस्तेमाल से रेडिएशन का खतरा बद जाता है जिससे लोगो में स्वस्थ से लेकर कई गम्भीर बिमारिय पैदा हो सकती हैं। आपको बता दें कि आज कल शहर से लेकर गाँव तक भी हर व्यक्ति मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल कर रहा है और उनका मोबाइल से दूरी रखना अब आसन काम नही रह गया है।
एक्स्पेट कहते हैं कि मोबाइल के खतरनाक रेडिएशन से गम्भीर स्वस्थ से सम्बन्धित समस्याए पैदा हो सकती हैं इसको जनने के बाबजूद लोगो में मोबाइल के लिए दीवानगी बढती जा रही है। एक्स्पेट का कहना है कि अगर कुछ खास बातो को ध्यान में रखा जाये तो मोबाइल फ़ोन के रेडिएशन और उसके दोष प्रभाव से बचा जा सकता है। हम आपको इस आर्टिकल में मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए और मोबाइल रेडिएशन से बचने के उपाए जो आपको निचे बताये हैं।
- कभी भी कान पर फ़ोन लगाकर बात नही करनी चाहिए। फ़ोन पर बात करते समय आपको स्पीकर या फिर ईयर का इस्तेमाल करके बात करनी चाहिए।
- रेडिएशन से बचने के लिए मोबाइल को तकिये के निचे रखने से बचें। आपको सोने के टाइम मोबाइल तकिये के निचे रखने से बचना चाहिए।
- अगर आपको बहुत ही जरुरी है तो कॉल करें या तो आप कोशिश कीजिये कि आप मैसेज के जरिए बातचीत करें।
- आप कोशिश कीजिये की शारीर के किसी हिस्से पर फ़ोन न रखें क्योंकि यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए से सम्बंधित प्रश्न (FAQ)
प्रश्न- मोबाइल रेडिएशन कितना खतरनाक है?
उत्तर- यह रेडिएशन हमारे शारीर के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक माना जाता है। हम आपको बता कि यह न सिर्फ हमारे शारीर के लिए बल्कि हमारी स्कीन के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
प्रश्न- रेडिएशन बर्न कैसा दिखता है?
उत्तर- रेडिएशन बर्न के सामान्य लक्षण आपको देखने को मिलेंगे जैसे कि सफ़ेद त्वचा का लाल हो जाना या काली या सावली त्वचा का लाल पढना त्वचा में खुजली होना।
प्रश्न- रेडिएशन कितना रहता है?
उत्तर- हमारे भारत देश में रेडिएशन के मनक अंतरराष्ट्रीय मानकों से दस गुना ज़्यादा सख़्त हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेडिएशन की सीमा 4.5 वॉट प्रति वर्ग मीटर से लेकर 9 वॉट प्रति वर्ग मीटर है। जबकि भारत में यह 0.45 से 0.9 वॉट प्रति वर्ग मीटर है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए? इससे सम्बंधित इस आर्टिकल के मध्यम से आपको महत्वपूर्ण जानकारी दी। अब उम्मीद है मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए इससे सम्बंधित आपके सभी प्रश्न दूर हो गए होंगे। यदि आपके मन में अभी भी कोई प्रश्न है तो कृपया नीचे कमेंट करके हमें जरुर बताएं। हम आपको जल्द से जल्द जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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