गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? Goldfish Ka Scientific Naam
हैल्लो दोस्तों आज हम बताएंगे कि गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है। गोल्डफिश कितने प्रकार की होती है गोल्डफिश कहां पाई जाती है। गोल्डफिश कैसी दिखती है, गोल्डफिश कितने समय तक जीवित रहती ह। गोल्डफिश क्या खाती है, और भी बहुत सी बाते तो में आपको बता दें गोल्ड फिश दुनिया की सबसे खुबसूरत मछली है और आप लोग में से कई लोग आपने घर में गोल्डफिश को एकेरियम में रखते हैं। और आपको बता दें की गोल्ड फिश का वैज्ञानिक नाम Carassius Auratus है। आपको बता दें सुनहरी मछली का हिंदी में में नाम कैरासियस ऑराटस भी है।
हमने आपको बतया गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? आपको बता के इस मछली में दो रंग हैं ।पहला लाल और दूसरा नारंगी इस मछली में ये दो रंग इसलिए हुए है। कि यह मछली देखने में काफी आकर्षित और सुन्दर दिखती है। यह मछली अपने सुन्दरता के लिए पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? तो आपको बता दें इसको क्रशियन कार्प के नाम से भी जाना जाता है। इस मछली को हिंदी भाषा में सुनहरी मछली कहते हैं। कि आप अपने घर में सुनहरी मछली रखते हैं इसकी उम्र 6 से 8 साल तक होती है। आपको यह भी बता दें कि सुनहरी मछली की उत्पत्ति चीन में हुई थी और सुनहरी मछली सबसे पहले यूरोप में 17वीं सदी की शुरुआत में पाई गई थी।
गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है?
गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? हम गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम के वैज्ञानिक की बात करें। सुनहरी मछली को कैरासियस Carassius Aauratus ऑराटस कहा जाता है। जिसे हिंदी में कैरासियस ऑराटस कहते हैं जो बेहद खूबसूरत और मनमोहक है जिसे बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। और यह सुनहरी मछली अक्सर लोगों के घरों में कांच के एक्वैरियम में पाई जाती है क्योंकि यह सुनहरी मछली बहुत ही शुभ मानी जाती है। इसलिए यह मछली कई देशों में पालतू बनाने वाली पहली मछली है। जिसे सबसे पहले चीन में पालतू मछली के रूप में पाला गया था। जो बहुत ताजे पानी में रहने वाली कॉर्प प्रजाति की मछली है। और यह मछली पालतू होने वाली सबसे लोकप्रिय मछली है इसलिए इसे हिंदी में गोल्ड फिश या गोल्डन फिश भी कहा जाता है। जो और भी कई रंगों में पाया जाता है। जैसे भूरा, लाल, नारंगी, सफेद, पीला, काला आदि।
इसके अलावा इस सुनहरी मछली की पहचान सबसे पहले यूरोप में 17वीं सदी के शुरूआती दौर में हुई थी। वहीं, लेंगो का कहना है कि यह सुनहरी मछली 40 साल तक जीवित रह सकती है। लेकिन काफी हद तक यह मछली 6 से 7 साल या इससे भी ज्यादा जीवित रह सकती है। तो, इस में गोल्डफिश का वैज्ञानिक नाम क्या है। हमने आपको गोल्डफिश के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी।
गोल्डफिश कितने समय तक जीवित रहती है?
अच्छे वातावरण में अच्छे से रखी गयी गोल्डफिश काफी वर्षो तक जिबित रह सकते है ऐसे उदहारण है जहा गोल्डफिश 40 से अधिक बर्षो तक जीवित रहती है इस प्रकार की दीर्घायु दुर्लभ है, और कई एक्वैरियम गोल्डफिश 6 से 8 साल तक जीवित रहेंगी अगर ठीक से देखभाल की जाए।
गोल्डफिश क्या खाती है?
आमतौर पर घरो में राखी मछली को बाजार में बउपलब्बाध मछली वाला खाना ही दिया जाता है ।गोल्डफिश शकाहारी तथा मासाहरी दोनों ही तरह का खाना खाती है। समुद्र या तालाब में रहने वाली सुनहरी मछली समुद्री पौधे, समुद्री कीड़े, टैडपोल आदि खा जाती है। घरो में इंडोर एकेरियम में रहने बलि मछली मटर ,पालक,खिरा बोक्ली आदि सब्जियां ख सकती है।अगर बात करें फल की तो गोल्डफिश तरबूज,केला,अंगूर आदि खा सकती है गोल्डफिश उबले हुए चवल भी खा सकती है।
गोल्बिडफिश बिना भोजन के कब तक जीवित रह सकती है?
गोल्डफिश की देखभाल कैसे करें?
हमने आपको बतया गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? अब आपको बताएँगे गोल्डफिश की देखभाल कैसे। गोल्कडफिश ही नहीं सभी तरह की मछलियों की उत्तम देखभाल बहुत जरूरी है। गोल्डफिश की देखभाल के लिए आपको सबसे पहले अपनी मछली के रहने के लिए कांच का एक्वेरियम लगाना होगा अगर आप एक्वेरियम नही लगाना चाहते तो किसी कांच के बड़े बाउल में भी मछली को रख सकते है।एक्रियम के सभी चीजो का रखना चाहिये जो समुद्र में होती हैं।
कैलिको गोल्डफिश
कैलिको गोल्डफिश का नाम इस तरह आया क्यूंकि जब इसे पहली बार डेवलप किया गया तो इस पर कई रंगों के धब्बेदार कैलिको पैटर्न थे। कैलिको गोल्डफिश पर अक्सर लाल, पीले, भूरे और काले रंग के धब्बे होते हैं।और नीले रंग की पृष्ठभूमि पर गहरे रंग के धब्बे होते हैं। यह रंग आमतौर पर पंखों पर फैले होते हैं।
कॉमन गोल्डफिश
कॉमन गोल्डफिश सुनहरी मछली की आम प्रजाति है। जिसका अपने पूर्वजो के रंग और आकार के आधार पर कोई अंतर नहीं है। कॉमन गोल्डफिश पालतु जंगली कार्प का ही एक रूप है। फैंसी गोल्डफिश की अधिकांश किस्में इसी साधारण नस्ल से आई हैं।
कॉमेट गोल्डफिश
रैंचू गोल्डफिश
रैंचू जापान की एक हुड बलि किस्म है।इसे जापान में king of goldfish कहा जाता है। रेंचो के अतिहसिक रूप में मरुका या कोरियाई नाम से भी जाना जाता है। हलाकि मरुका आमतौर पर अंडाकार मछली के रूप में जाना जाता है चीनी लायनहेड नमूनों के द्वारा इसे जापान में क्रॉसब्रीड कराया गया।
टेलिस्कोप गोल्डफिश
टेलिस्कोप गोल्डफिश सबसे पहले चीन में सन 1770 में डवलाप किया गया था। टेलिस्कोप आपने बड़ी होई अखो को छोड़ कर डेमिकिन रयुकिन और फैंटेल की तरह ही दिखाई देती है। इसका शरीर गहरा और पंख लंबे होते हैं। इसमें कुछ पंख छिपे हुए, कुछ चौड़े और कुछ छोटे होते हैं।
Bahut achha laga