एकादशी कब है? आने वाली एकादशी तिथि 2023 (पूरी जानकारी)
नमस्कार दोस्तों आपका हमारा सपोर्ट वेबसाइट पर स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम जिस टॉपिक के बारे में बताएँगे वो आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है। क्योंकि आज का हमारा टॉपिक है एकादशी कब है? क्या आपको पता है एकादशी कब की है अगर नही तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं यह आर्टिकल आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। हिन्दू धर्म में एकदशी तिथि का बहुत महत्व होता है। कहा जाता है कि एकादशी तिथि भगवन बिष्णु को अतिप्रिय होती है इसलिए इस दिन विधि विधान से भगवन विष्णु पूजा की जाती है।
आपकी अधिक जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि हिन्दू धर्म में एकादशी का व्रत भगवन विष्णु को समर्पित होता है। एकादशी के दिन भगवन विष्णु की पुजा तिलों से की जाती है वैसे तो कहा जाता है कि भगवन विष्णु की पुजा हमेशा ही तिलों से करना चाहिए लेकिन इस दिन पर खासकर इनकी पुजा तिलों से ही की जाती है। अगर आप जनना चाहते हैं कि निर्जला एकादशी कब है 2023 और इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी तो आपको हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक अंत तक पढना होगा।
एकादशी कब है?
क्या आप जनना चाहते हैं एकादशी कब है? तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं। जैसे कि आप सभी जानते ही हैं कि हिन्दू धर्म में सभी त्यौहार हिन्दू कैलेंडर पर आधारित होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 24 एकादशी पढ़ती हैं। आपको बता दें कि षटतिला एकादशी के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 18 जनवरी 2023 में बुधवार के दिन इस बार षटतिला एकदशी है और इसी दिन व्रत रखा जायेगा। एकादशी का व्रत एकदशी के सूर्य उदय से लेकर द्वादशी के सूर्य उदय तक रहता है। इस व्रत के नियम कठिन होते हैं क्योंकि एकादशी के व्रत में एक दिन पहले दशमी तिथि सुर्य्स e बाद भोजन ग्रहण नही किया जाता है।
17 जनवरी मंगलवार शाम 6:06 से एकादशी तिथि प्रारम्भ होती है और जिसकी समाप्ति18 जनवरी बुधवार शाम 4:03 पर हो जाएगी। बुधवार को ही शाम के समय हरिवासर का समय भी रहेगा जो कि अधिर्त्री तक समाप्त हो जायेगा। मन्यताओ के अनुशार द्वादशी तिथि को कभी भी हरिवासर के समय व्रत नही खोलना चाहिए। एकदशी मास में दो एकदशी पढ़ती हैं। आपको बता दें कि यह जो एकादशी पढ़ती है पहली एकदशी को कृष्ण पक्ष और दूसरी एकादशी को शुल्क पक्ष कहते हैं। एकादशी वाले दिन तिलों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाता है।
एकादशी कब है एकादशी व्रत का महत्व
हमने आपको ऊपर एकादशी कब है? और एकादशी से सम्बंधित जानकारी आपको दी। अब हम आपको एकादशी के महत्व के बारे में बताएँगे। वैसे तो वृतो में सबसे प्रमुख व्रत नवरात्र पूर्णिमा अमावस्या तथा एकादशी के व्रत होते हैं लेकिन इनमे से भी जो सबसे बड़ा व्रत माना जाता है वो एकादशी का माना जाता है। चंद्रमा की स्थति के कारण व्यक्ति की मानसिक और शारीरक स्थति ख़राब और अच्छी होती रहती है ऐसी दशा में एकादशी का व्रत से चन्द्रमा के हर ख़राब प्रभाव को रोका जा सकता है और ग्रहों के असर को कम भी किया जा सकता है। क्योंकि एकादशी व्रत का सीधा प्रभाव मन और शारीर दोनों पर पढता है।
लेकिन एकादशी का लाभ तभी हो सकता है जब इसके नियमो का पालन किया जाये। वैसे तो एकादशी मन और शारीर को एकाग्र कर देती है। लेकिन अलग अलग एकादशीयों के अलग अलग प्रभाव भी होते हैं। जयेष्ट कृष्ण एकादशी को अचला एकादशी कहते हैं इस व्रत को करने के व्यक्ति को अपनी गलतियों की क्षमा मिलती है खासतौर से जो लोग झूट बोलते हैं उन्हें उसके पाप से मुक्ति मिलती है। इस व्रत से व्यक्ति का नाम आयर यश बढ़ता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति के पितरो की आत्मा को शांति मिलती है। और यह व्रत व्यक्ति के संस्कारो को शुद्ध कर देता है। इस पावन दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापो से मुक्ति मिल जाती है और सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
एकादशी व्रत के लिए नियम और सावधानियां
- एकादशी के दिन भोग- विलास दुरी बनाये रखें।
- इस दिन किसी की बुराई करने और झूट बोलने से बचें।
- एकादशी के दिन किसी पर क्रोध नही करें और सभी के साथ मधुर स्वभाव ही रखें।
- एकादशी के दिन दातो को साफ करने के लिए दातुन का उपयोग न करें बल्कि नीबू जामुन या आम के पत्ते लेकर चबाएं ध्यान रहे यह पत्ते पेड़ से तोड़ कर नही बल्कि पेड़ से अपने आप टोटे हुए पत्तो का सेवन करें। अगर यह संभव ना हो पाए तो पानी से 12 बार कुल्ला करें।
साल 2023 में पड़ने वाली एकादशी की तिथियां
02 जनवरी 2023 | पौष पुत्रदा एकादशी |
18 जनवरी 2023 | षट्तिला एकादशी |
01 फरवरी 2023 | जया एकादशी |
16 फरवरी 2023 | विजया एकादशी |
03 मार्च 2023 | आमलकी एकादशी |
18 मार्च 2023 | पापमोचिनी एकादशी |
01 अप्रैल 2023 | कामदा एकादशी |
16 अप्रैल 2023 | वरुथिनी एकादशी |
01 मई 2023 | मोहिनी एकादशी |
15 मई 2023 | अपरा एकादशी |
31 मई 2023 | निर्जला एकादशी |
14 जून 2023 | योगिनी एकादशी |
29 जून 2023 | देवशयनी एकादशी |
13 जुलाई 2023 | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
25 अक्टूबर 2023 | पापाकुंशा एकदशी |
09 नवंबर 2023 | रमा एकादशी |
12 अगस्त 2023 | अजा एकादशी |
27 अगस्त 2023 | परिवर्तनी एकादशी |
10 सितम्बर 2023 | अजा एकादशी |
25 सितम्बर 2023 | पद्मा एकादशी |
10 अक्टूबर 2023 | 10 अक्टूबर 2023 |
23 नवंबर 2023 | देवउठनी एकादशी |
08 दिसंबर 2023 | उत्पन्ना एकादशी |
22 दिसंबर 2023 | मोक्षदा एकादशी |
एकादशी कब है इससे सम्बंधित पूछे गए पश्न (FAQs)
प्रश्न- 2023 में देवउठनी एकादशी कब है?
उत्तर- देवउठनी एकादशी 2023 में 23 दिसंबर को है। अधिकमास प्रत्येक तीन वर्ष में आता है। पिछली बार वर्ष 2020 में अधिकमास अर्थात पुरुषोत्तम मास लगा था। वर्ष 2023 में सावन के महीने में पुरुषोत्तम मास लग रहा है।
प्रश्न- 1 साल में कितनी एकादशी होती है?
उत्तर- एक साल में 24 एकदशी पड़ती हैं और आपको बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार एकादशी व्रत हर माह में 2 बार पड़ता है एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में है। लेकिन अधिक मास या मलमास होने के कारण काभी काभी 26 एकादशी भी पड़ती हैं।
प्रश्न- एकादशी का व्रत कितना करना चाहिए?
उत्तर- ये व्रत आपको जन्म मरण के चक्र से मुक्ति दिला सकता है. सालभर में कुल 24 एकादशी के व्रत पड़ते हैं. हर माह एक एकादशी व्रत शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में रखा जाता है. सभी एकादशियों के नाम और महत्व भी अलग अलग हैं।
प्रश्न- एकादशी के दिन मृत्यु होने पर क्या होता है?
उत्तर- यदि एकादशी के दिन किसी की मृत्यु हो जाती है इससे आत्मा की गति सद्गति अथवा दुर्गति होने का कोई सम्बन्ध नहीं है । आत्मा ने शरीरस्थ रहते हुए जैसे कर्म किए हैं वैसी ही गति होगी अर्थात् जैसे कर्म वैसा फल यही ईश्वरीय न्याय है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको एकादशी कब है? इसके बारे में बताया और एकादशी से सम्बंधित आपको महत्वपूर्ण जानकारी भी दी। अब आप हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर नवंबर में एकादशी कब है इसका पता लगा सकते हैं। अब मैं आशा करता हूँ आपको Ekadashi Kab Hai इससे सम्बंधित सभी प्रश्न दूर हो गये होंगे। यदि आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं हम आपको जल्द से जल्द जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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