ईद मिलाद उन नबी क्यों मनाते हैं 2023: Milad Un Nabi कैसे मनाया जाता है?
आज के इस आर्टिकल में हम आपको ईद मिलाद उन नबी क्यों मनाते हैं (Eid Milad Un Nabi Kyon Manate hain) और ईद मिलाद उन नबी कैसे बनाया जाता है (Eid Milad Un Nabi Kaise Manaya Jata Hai) इसके बारे में बताएँगे। यदि आप ईद मिलाद उन नबी क्यों मनाते हैं इसके बारे में जानकारी चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आए हैं क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम ईद मिलाद उन नबी से संबंधित जानकारी देंगे जिसमें आप ईद मिलाद उन नबी मुसलमान में क्यों प्रसिद्ध है इसके बारे में जान पाएंगे। ईद मिलाद उन नबी की महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
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ईद मिलाद उन नबी के बारे में
ईद मिलाद उन नबी का दिन हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलेही वसल्लम की पैदाइश के दिन के रूप में मनाया जाता है। मुसलमानों में इस दिन को बहुत ही उत्साह और प्रेम के साथ मनाया जाता है। इस दिन को हर मुसलमान अपने घर में फाताह ख्वानी कराता है। ईद मिलाद उन नबी का दिन हमें हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलेही वसल्लम की तालीमात को याद दिलाता है। ईद मिलाद उन नबी के दिन को 12वीं शरीफ के नाम से भी जानते हैं। इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से तीसरे महीने में 12 तारीख को ईद मिलाद उन नबी का जश्न मनाया जाता है।
ईद मिलाद उन नबी का दिन मुसलमानों के लिए बेहद खास दिन है। हमारे देश भारत के अलावा भी सभी देशों में ईद मिलाद उन नबी का त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो तआला अलेही वसल्लम का जुलूस इस दिन बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। अल्लाह तआला ने हुजूर सल्लल्लाहो तआला अलेही वसल्लम को आज के दिन दुनिया में रहमत बनाकर भेजा। अल्लाह तआला ने इसका जिक्र कुरान शरीफ में भी है। हुजूर सल्लल्लाहो तआला अलेही वसल्लम आज के दिन सारे जहां के लिए न रहमत बनाकर भेजे गए।
ईद मिलाद उन नबी कैसे मानते हैं?
ईद मिलाद अन नबी पर मुसलमान अपने दुकान, मकान और मस्जिद को सजाते हैं और बहुत ही धूमधाम के साथ ईद मिलाद अन नबी का जश्न मनाते हैं। इस दिन दरूद शरीफ को ज्यादा से ज्यादा पढ़ा जाता है। हुजूर सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने दरूद शरीफ को पढ़ने की बहुत फजीलत बयान की है। इसलिए इस दिन दरूद शरीफ का विर्द अधिक से अधिक किया जाता है और अपने घरों और मस्जिद में कुरान शरीफ की तिलावत की जाती है तथा अल्लाह की इबादत की जाती है। इस दिन सुबह के समय फताह ख्वानी का इन्तेजाम किया जाता है।
ईद मिलाद अन नबी के दिन सभी मुसलमान नहा धोकर नए कपड़े पहन कर ईद मीलाद उन नबी के जुलूस में जाते हैं। जुलूस नारा ए तकबीर अल्लाहू अकबर और नारा ए रिसालत या रसूल अल्लाह का नारा लगाया जाता है। इसके अलावा सरकार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा, मदनी की आमद मरहबा, के नारे लगाए जाते हैं। लोग इस दिन हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जिक्र सुनते और करते हैं। इस दिन लोग जुलूस में नात शरीफ सुनते और पढ़ते हैं और अलाह और उसके रसूल का जिक्र करते हैं।
ईद मिलाद उन नबी का दिन
हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलेही वसल्लम की पैदाइश सन् 571 में पीर के दिन अरब के मक्का शहर में हुई। आपके वालिद का नाम हज़रात अब्दुल्ला और आपकी वालिदा का नाम आमिना था। अल्लाह पाक ने 12 रबी उल अव्वल के महीने में हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलेही वसल्लम को दुनिया में अपना पैगाम (संदेस) लोगों तक पहुंचाने के लिए भेजा। अल्लाह पाक ने हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम को आखरी नबी बनाकर दुनिया में भेजो। 12 रबी उल अव्वल के दिन सभी इस्लामी देशों में अवकाश रहता है।
आप (हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलेही वसल्लम) के दुनिया में आने से पहले दुनिया में तरह तरह के फितने फसाद होते थे लोगों ने तरह तरह के बुत बना रखे थे और वे उन वुतों की पूजा किया करते थे। जो लोग कमजोर और गरीब थे उनपर तरह तरह के जुल्म होते थे। जिन औरतों के शौहर (पति) का इंतकाल (मृत्यु) हो जाता उन्हें उनके पति के साथ जिन्दा जला दिया जाता था। लेकिन हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम के दुनिया में आने के बाद आपने औरतों की इज्ज़त और आवरू की हिफाजत की और उन्हें जिन्दा जला देने के प्रथा को ख़त्म किया।
आपने लोगो की जान माल की हिफाजत के लिए इस्लामी तरीको को लोगो में आम किया। आप अल्लाह पाक का फरमान लोगो तक पहुचाते और लोगो को इस्लाम की दावत देते और गुनाहों से बचने की शिक्षा देते। इस्लाम की खातिर आपने बहुत तकलीफ उठायी जब आपने लोगो तक अल्लाह पाक का पैगाम पहुचाया तो लोगो ने तरह तरह से आपको परेशान किया। लेकिन आप अल्लाह का पैगाम लोगो तक पहुचाते रहे। आप मक्का शरीफ से मदीना तशरीफ़ ले गए इसे हिजरत के नाम से जाना जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न – 2023 में 12 रवि उल अव्वल कब पड़ेगा?
उत्तर – 12 रवि उल अव्वल 2023 में 28 सितम्बर को जुमेरात के दिन है। इस दिन को सभी देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 12 रवि उल अव्वल शरीफ को बारावफात नहीं कहना चाहिए।
प्रश्न – पैगंबर हज़रत मुहम्मद के जन्मदिन पर क्या करें?
उत्तर – हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलेही वसल्लम के जन्मदिन को मानाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इस दिन हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम की सुन्नतों पर अमल किया जाए और अच्छे काम किए जाएं बुराइयों से रुका जाए तथा दरूद शरीफ का विर्द किया जाए।
निषकर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाते हैं ईद मिलाद उन नबी कैसे मनाते हैं हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पैदाइश का दिन क्या है इसके बारे में बताया है। उम्मीद करता हूं आपको ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाया जाता है इसके बारे में जानकारी पसंद आई होगी यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। इस वेबसाइट पर हम नए-नए आर्टिकल की जानकारी लेकर आते रहते हैं। इसलिए जुड़े रहिए “हमारा सपोर्ट” वेबसाइट के साथ धन्यवाद।