Dashara Kab Hai 2023: दशहरा क्यों मनाया जाता है पूरी जानकारी (हिंदी)
दशहरा भारत का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार प्रतिवर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष में दशमी को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवन राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। इसी ख़ुशी के कारण दशहरा का पर्व बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। इसके साथ दशहरा का दिन महिषासुर पर देवी दुर्गा की भी प्रतीक माना जाता है। दशहरे के नौ दिन पहले से जगह जगह पर रामलीला शुरू होती है। दशमी के दिन रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाये जाते हैं। इन पुतलों पर पटाखे बांधे जाते हैं। इस लेख में बताएँगे Dashara Kab Hai 2023?
दशहरा पर्व मनाने के लिए जगह जगह मेलों का भी आयोजन किया जाता है। दशहरा भारत में मनाये जाने वाला हिन्दुओं का त्यौहार है। दशहरा को बहुत से लोग विजयादशमी और आयुष पूजा के नाम से भी जानते हैं। दशहरा को हर वर्ष दिवाली के पहले, लगभग 20 दिन पहले मनाया जाता है। यह उत्सव हर वर्ष सितम्बर या फिर अक्टूबर के महीने में आता है। दशहरा के दिन भगवान ने रावण जो कि एक राक्षस था उसका बध किया था और इस कारण दशहरा मनाया जाता है।
दशहरा के दिन कुछ लोग पुरे दिन का व्रत रखते हैं। दशहरा पुरे भारत में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। कई जगह इस दिन को रामलीला सुनकर मनाया जाता है तो कही रावण के पुतले को जलाकर बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाया जाता है। दशहरा के दिन हम रावण के पुतले को जलाते हैं, लेकन साथ ही हमें अपने अन्दर के रावण को नष्ट करना चाहिए और अपने अन्दर की बुराई पर जीत हासिल करना चाहिए। रावण के 10 सिर थे जो हमारे अन्दर मौजूद 10 बुराइयाँ दर्शाता है। पाप, काम, क्रोध, मोह, घमंड, स्वार्थ, जलन, अहंकार, अमानवता और अन्याय यह 10 बुराइयाँ हैं जो हमें हमारे भीतर से नष्ट कर देनी चाहिए।
Dashara Kab Hai 2023
दशहरा को विजयदशमी भी कहते हैं। इस विजयदशमी यानि कि दशहरा को भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त करके लंका पर विजय प्राप्त करके भगवान ने अधर्म के ऊपर सप्त को धारण किया था अधर्म के ऊपर जीत हासिल की थी और इसी कारण से यह विजयदशमी का पवन पर्व मनाया जाता है। तो यह विजय दशमी का पवन पर्व इस बार 2023 में 24 अक्टूबर को मनाया जायेगा। आशिलनाश के शुक्ल पक्ष के दशवीं तिथि जो कि 23 अक्टूबर को शाम को 5:44 PM मिनट से प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 24अक्टूबर को दोपहर में 3:14 मिनट पर होगा। दशहरा यानि विजयदशमी का पावन पर्व 2023 में 24 अक्टूबर को मनाया जायेगा।
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया है कि Dashara Kab Hai 2023 अगर हम बात करे रावण दहन की तो रावण दहन का शुभ मुहूर्त दशहरा के दिन सूर्यास्त के बाद प्रदूश काल में रावण के पुतले का दहन किया जायेगा। इस साल रावण दहन 24 अक्टूबर को शाम को 5:43 PM के बाद में किया जायेगा। तो हमने आपको बताया कि विजयदशमी दशहरा पर्व किस दिन मनाया जायेगा। 24 अक्टूबर को विजय दशमी दशहरा का पावन पर्व मनाया जायेगा।
दशहरा क्यों मनाया जाता है?
जैसा कि आप जानते हैं और हम आपको आज के इस Dashara Kab Hai 2023 आर्टिकल में बता भी चुके हैं कि दशहरा को विजयदशमी भी कहा जाता है। इस जश्न का त्योहार कहते हैं। आज के वक्त में यह है बुराई पर अच्छाई की जीत का ही प्रतीक है। बुराई किसी भी रूप में हो सकती है जैसे कि क्रोध, असत्य, इर्ष्या, दुःख, आलस्य आदि। किसी भी आंतरिक बुराई को खत्म करना भी एक आत्मविजय है। और हमें प्रितिवर्ष अपने अंदर से इस बुराई को ख़तम कर विजय दशमी के दिन इसका जश्न मनाना चाहिए। जिस से एक दिन हम अपनी सभी इन्द्रियों पर राज कर सके।
दोस्तों यह बुरे आचरण पर अच्छे आचरण की जीत की ख़ुशी में मनाया जाने वाला त्यौहार है। सामान्यता दशहरा एक जीत के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार है। जश्न की मान्यता सब की अलग अलग होती है जैसे किसानों के लिए यह नई फसलों के घर आने का जश्न है। पुराने वक़्त में इस दिन औजारों एवं हथियारों की पूजा की जाती थी। क्योंकि वह इसे युद्ध में मिली जीत के जश्न के तौर पर देखते थे। लेकिन इन सब के पीछे एक ही कारण होता है बुराई पर अच्छाई की जीत। किसानों के लिए यह मेहनत की जीत के रूप में आई फसलों का जश्न एवं सैनिकों के लिए युद्ध में दुश्मन पर जीत का जश्न है।
दोस्तों दशहरा आशुनी माह की शुक्ल पक्ष की दशवीं के दिन मनाया जाता है। नवरात्री के नौ दिनों के बाद विजय पर्व के रूप में दशहरा विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है। दोस्तों दशहरे के दिन के पीछे कई कहानियां हैं जिनमें सबसे प्रचलित कथा है भगवान राम का युद्ध जीतना अर्थात रावण की बुराई का विनाश कर उसके घमंड को तोड़ना। राम अयोध्या नगरी के राजकुमार थे उनकी पत्नी का नाम सीता था एवं उनके छोटे भाई थे जिनका नाम लक्ष्मण था राजा राम दशरथ के पिता थे उनकी पत्नी कैकयी के कारण इन तीनो को 14 वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या नगरी छोड़ कर जाना पड़ा।
2023 में दशहरा की पूजा का समय
पूजा | समय |
विजय मुहूर्त की पूजा |
2023 में दशहरा के दिन विजय मुहूर्त की पूजा का समय दोपहर 01:58 बजे से लेकर 02:43 बजे तक रहेगा। |
अपहरण की पूजा | 2023 में दशहरा के दिन अपहरण की पूजा का समय दोपहर 01:13 बजे से लेकर 03:28 बजे तक रहेगा। |
दशवीं तिथि की पूजा शुरू |
2023 में 23 अक्टूबर को दशवीं तिथि की पूजा का समय शाम 05:44 बजे से शुरू होगा। |
दशवीं तिथि की पूजा खत्म |
2023 में 24 अक्टूबर दशहरा के दिन दशवीं तिथि की पूजा का समय अपराह 03:14 बजे तक रहेगा। |
श्रवण नक्षत्र पूजा शुरू | 2023 में 22 अक्टूबर को श्रवण नक्षत्र पूजा शाम 06:44 बजे से शुरू होगी। |
श्रवण नक्षत्र पूजा खत्म | 2023 में 23 अक्टूबर को श्रवण नक्षत्र पूजा का समय शाम 05:14 पर खत्म होगा। |
दशहरा की रेसिपी
दशहरा के त्योहार पर बहुत सारे लोग अलग-अलग प्रकार के बहुत सारे पकवान बनाते हैं। क्योंकि यह खुशी का त्योहार माना जाता है इसलिए इस दिन को साफ खुशी के साथ जश्न मनाते हैं और तरह-तरह के अलग-अलग प्रकार के पकवानों को बनाते हैं। दशहरा के शुभ अवसर पर बहुत सारे पारंपरिक भगवान भी बनाए जाते हैं। उत्तर और मध्य भारत की बहुत सारी जगह पर दशहरा के शुभ अवसर पर दशहरा के दिन लोग दही बड़े खाना बहुत पसंद करते हैं और ज्यादातर घरों में दशहरा के दिन दही बड़े को बनाया जाता है। आई ट्रेडिशनल स्टाइल में जानते हैं कि दही बड़ा कैसे बनाया जाता है।
दही बड़े के लिए उपयुक्त सामग्री
- एक कप उरद की दाल
- स्वाद के अनुसार नमक
- दो चम्मच कटी हुई हरी मिर्च
- दही मीठा वाला
- सेब
- इमली की चटनी
- तलने के लिए तेल
- दो चम्मच कटी हुई अदरक
- एक चम्मच जीरा
दही बड़े बनाने का तरीका
- सबसे पहले आपको उरद की दाल ले लेनी है दाल को चार कप पानी में कम से कम 4 घंटे के लिए रख देना है। 4 घंटे तक दाल को पानी में भिगोए रखें।
- अब दाल को फुलाकर उसको अच्छे से पीस ले और उसका पेस्ट बना ले।
- अब इसमें आपको जीरा, हरी मिर्च, और आवश्यकता के अनुसार नमक को डाल दें और उसको फेट ले।
- उसके बाद आपको किसी कढ़ाई में तेल को गर्म कर लेना है फिर उसमें बड़े को छान लेना है।
- अब आपको उसमें मीठा वाला दही, इमली की चटनी और सेब डालकर मिक्स कर लेना है।
पूछे गए प्रश्न (FAQs)
प्रश्न- Dashara Kab Hai 2023 मैं दशहरा कब मनाया जाएगा?
उत्तर- अगर आप जानना चाहते हैं कि Dashara Kab Hai 2023 तो हम आपको बता दें कि उत्तर भारत देश में सन 2023 में दशहरा का शुभ अवसर 24 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा।
प्रश्न- दशहरा क्यों मनाया जाता है?
उत्तर- हिंदू धर्म के लोग दशहरा को बहुत ही शुभ अवसर मानते हैं उनके लिए यह बहुत ही खुशी का त्यौहार होता है। इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। और बुराई को खत्म करके दुनिया में अच्छाई को लेकर आए थे।
प्रश्न- 2023 में दशहरा के दिन रावण के दहन का क्या समय है?
उत्तर- अगर आप Dashara Kab Hai 2023 आर्टिकल में रावण के दहन का समय पता करना चाहते हिं तो हम आपको बता दें कि 24 अक्टूबर 2023 को दशहरा का शुभ अवसर मनाया जाएगा जिसका समय शाम 05:22 बजे का होगा। रावण का दहन सूर्यास्त के ढाई घंटे के बाद होगा।
प्रश्न- दशहरा कितने दिन तक मनाया जाता है?
उत्तर- दशहरा के पहले 9 दोनों को नवरात्रि के रूप में हिंदू धर्म के लोग मनाते हैं। फिर जब 9 दिन नवरात्रि मनाने के बाद दसवां दिन आता है तो उसको दशहरा के रूप में मनाते हैं।
प्रश्न- भगवान श्री राम ने रावण का वध क्यों किया था?
उत्तर- रावण विश्व में बुराई को फैलाता था वह एक बुराई वाला रावण था भगवान श्री राम ने रावण का वध इसलिए किया था क्योंकि वह बुराई को खत्म करके अच्छाई को फैलाना चाहते थे। और उन्होंने ऐसा कर दिखाया एक दिन उन्होंने रावण को मार कर बुराई को खत्म करके अच्छा ही का झंडा लहरा दिया।
निष्कर्ष
भारत देश में 2023 में दशहरा का शुभ अवसर 24 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा। दशहरा के दिन को हिंदू धर्म के लोग विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं। विजयदशमी के दिन हिंदू धर्म के लोग अपने घरों में बहुत सारे पकवानों को बनाते हैं जिसमें भारत देश के कुछ राज्य ऐसे हैं जहां पर अधिकांश लोग दही बड़े को बनाना पसंद करते हैं।
भगवान श्री राम ने दशहरा के दिन रावण का वध करके बुराई को खत्म किया था और विश्व भर में अच्छाई के झंडे को लहराया था। इसलिए हमें भी हर वर्ष दशहरा के दिन अपने अंदर की एक बुराई को देखना चाहिए और उसको खत्म करना चाहिए। और अपने अंदर एक अच्छाई को पैदा करना चाहिए।