बल्ब का आविष्कार किसने किया (Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya)
हेल्लो दोस्तों आज के इस आर्टिकल हम जानेंगे बल्ब का आविष्कार किसने किया पहले के समय में जब बल्ब का अबिष्कार नहीं हुआ था जब लोग रौशनी के लिए दिया माशल और मोमबती का इस्तिमाल किया करते थे। लेकिन इन चीजो का सही से इस्तिमाल ना करने पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती थीं। लेकिन बल्ब अबिष्कार होने के बाद संसार की तस्वीरे बदल ही गई हैं जिसकी बजह से जो काम रात में करना असंभव था वो काम भी आज संभव हो चुके हैं जो कि पहले दिन के समय में ही हो सकते थे। परन्तु अब उन कामो को हम रात में भी कर सकते हैं। आप जानना चाहते हैं बल्ब का आविष्कार किसने किया, बल्ब बनाने के प्रयास बहुत से वैज्ञानिको ने भी किया था लेकिन वो असफल रहे। बल्ब का अबिष्कार किसने किया जानने के लिए हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।
हम आपको बता दें बल्ब एक एक खोखला काँच का गोला होता है। जो अंदर से निर्वात की तरह कार्य करता है। इस गोले में एक टंगस्टन का तंतु लगा होता है जब इस तंतु में बिजली प्रवाहित की जाती है तो यह कुछ ही पल में गर्म हो जाता है अन्दर से गर्म होने के बाद ये तुरंत प्रकाश उत्पन करता है बल्ब में बिजली प्रभाहित करने के लिए दो तार होते हैं। थॉमस ऐल्वा एडीसन एक महान वैज्ञानिक थे उन्होंने केबल बल्ब का ही अबिष्कार नहीं किया बल्कि इसके आलावा भी अन्य अबिष्कार किये जिनमे मोशन पिक्चर कैमरा कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर एल्कलाइन स्टोरेज बैटरी और ग्रामोफोन जैसे अन्य भी शामिल है।
बल्ब का अबिष्कार किसने किया?
बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया। बल्ब का अबिष्कार थॉमस ऐल्वा एडीसन (Thomas Alva Edison)ने सन 1879 में किया था। एडिसन उस समय के एक जाने माने वैज्ञानिक थे। उन्होंने कार्बन फिलामेंट लाइट बल्ब का अविष्कार किया था। जो कि बिजली के तार को जोड़ने से गरम होकर बल्ब जलने लगता था। उन्हें इस अबिष्कार को करने का लगभग डेढ़ साल का समय लगा था और जब अबिष्कार होने के बाद ये बल्ब जलाया गया तो 13 घण्टे से भी ज्यादा बल्ब जला था उन्होंने बल्ब का तो अबिष्कार किया ही था लेकिन इसके आलावा 1091 प्रकार के छोटे-बड़े उपकरणों का अबिष्कार किया जैसे ग्रामोफोन मोशन पिक्चर कैमरा कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर एल्कलाइन स्टोरेज बैटरी और भी शामिल हैं। इन सारे यंत्रों का एडिसन जी के नाम पर पेटेंट बुक है।
एडिसन ने विश्व का पहला लाइट बल्ब का पेटेंट अपने नाम कराया इस अनोखे अबिष्कार को करने के लिए उन्हें लगभग डेढ़ साल लग गए थे। एडिसन से पहले भी काफी सरे वैज्ञानिको ने इस पर रिसर्च और प्रयोग किया था यही कारण से एडिसन को काफी मदद मिली। पेटेंट अपने नाम करते वक़्त उन्होंने उस पेटेंट का नाम इम्प्रूवमेंट इन इलेक्ट्रिक लाइट्स के नाम से 14 अक्टूबर 1878 में करवाया। डेढ़ साल के इस रिसर्च पर कई धातुओं का उपयोग किया जैसा कार्बन प्लैटिनम का इस्तेमाल किया। लेकिन प्लैटिनम धातु के उपयोग से बल्ब की रौशनी 12 घंटे तक तो सीमित थी लेकिन प्लैटिनम बल्ब का प्रयोग काफी महंगा पड़ा। फिर उनके कई प्रयोग से उन्हें कार्बन फिलामेंट के धातु के इस्तेमाल से उनका प्रयोग सफल रहा।
बल्ब का अबिष्कार कैसा हुआ था?
विधुत के इस्तिमाल से रौशनी पैदा करने का ख्याल सबसे पहले महान विज्ञानिक में से एक Humphrey Davy के मन में आया था। कि जब विधुत को तारों के माध्यम से प्रवाह किया जाये तब वो तार गर्म होकर रौशनी पैदा करती है। Humphrey Davy ने भी थॉमस अल्वा एडिसन के बल्ब के अबिष्कार होने से पहले कुछ रौशनी पैदा करने वाले उपकरण तैयार किए लेकिन उनके द्वारा तैयार किए गए उपकरण कुछ घंटे ही जल पते थे। लेकिन इसके बाद थॉमस एडिसन ने बल्ब का अबिष्कार किया और उन्होंने अबिष्कार को सफल बनाने के लिए लिए कई बार कोशिश की और आखिरकार थॉमस एडिसन ने सन 1879 को बल्ब तैयार किया और पूरी दुनिया के सामने पेश किया था। थॉमस एडिसन द्वारा बना बल्ब 40 घंटे जलता रहा और इसे एक सफल बल्ब अबिष्कार घोषित किया गया। सही मायने में बल्ब का अबीष्कार थॉमस एडिसन को माना जाता है। उन्होंने बल्ब का आविष्कार के साथ साथ बल्ब के डिजाइन का भी पूरा ख्याल रखा जिसके चलते बल्ब बनकर तैयार हुआ।
बल्ब कितने प्रकार के होते हैं?
वैसे तो मार्किट में बहुत प्रकार के बल्ब मौजूद हैं लेकिन उनमे सबसे ज्यादा इस्तिमाल होने वाले बल्ब के बारे में आपको निचे बताया गया है।
- Fluorescent lamps
- Incandescent bulbs
- Light emitting diode (LED)
- Halogen bulbs
Fluorescent lamps(प्रतिदीप्त बल्ब)
कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जो ठंडी अवस्था में प्रकाश उत्पन्न करती हैं। उन्हें प्रतिदीप्त बल्ब कहते हैं ये प्रकाश जिस स्रोत में उत्पन्न होता है। उसमें इलेक्ट्रान उष्मा उत्पन्न करने के स्थान पर निम्न दाब के गैस के अणुओं पर पर प्रहार करने लगते हैं। जिसके फलस्बरूप प्रकश उत्सर्जित होने लगता है। प्रतिदीप्त प्रकश ठंडा होता है और उद्दीप्त प्रकाश से कम विद्युत प्रयोग करता है जबकि अधिक विद्युत का उपयोग करता है।
Incandescent bulbs (विद्युत बल्ब)
Incandescent bulb को Incandescent lamp नाम से भी जाना जाता है Incandescent bulb का जब धारा प्रवाह पूरा होता है तो ये पहले गर्म होता है और उसके बाद प्रकाश उत्पन्न होता है। इस प्रकार गर्म होकर प्रकश उत्पन्न करने की प्रक्रिया तापदीप्ति कहलाती है तथा जो माध्यम या उपकरण विद्युत पा कर प्रकाश उत्पन्न करता है उसे विद्युत बल्ब (Incandescent Lamp Bulb) कहते हैं।
Light Emitting Diode (LED)
साल 2014 में कम ऊर्जा में देश सफेद रोशनी देने वाली blue LED (light emitting diode) के लिए तीन विज्ञानिक को Nobel prize से सम्मानित किया गया है। इन तीन विज्ञानिको में शमिल हैं Professor Isamu Akasaki, Hiroshi Amano और Shuji Nakamura. Blue LED Light एक Light स्पेक्ट्रम की सीमा होती है जिसे 440 नैनोमीटर से 525 नैनोमीटर के वेवलेंथ के रूप में परिभाषित किया जाता है
Halogen Bulbs
Halogen bulb Incandescent bulb की श्रेणी का एक नवीनतम बल्ब है जो कि साधारण बल्ब की अपेक्षा काफी अच्छा होता है। निष्क्रिय गैस जैसे Argon तथा N2 के साथ थोड़ी मात्रा में हैलोजन गैस भर देने से टंगस्टन का बाष्पीकारण लगभग रोक जाता है क्योंकि रासयनिक क्रिया द्वारा टंगस्टन की वाष्प फिलामेंट को वापस चली जाती है।
एडिसन कौन थे?
एडिसन का पूरा नाम थोमस अल्वा एडिसन था एडिशन का जन्म 11 फरवरी सन 1847 ई. में अमेरिका के मिलन ओहिओं के एक निर्धन परिवार में हुआ था। एडिसन एक बहुत महान विज्ञानिक थे उन्होंने विश्व को संगीत दिया प्रकश दिया बोलने वाली तस्वीरे दीं। इनका बचपन बहुत ही गरीबी में गुजरा थोमस समय को पैसा और महनत को सफलता और सयुंक्त कहते थे। बिजली की खोज इनकी सबसे बड़ी खोज मानी जाती है एडिसन बिजली का बल्ब बनाने में 10 हजार से ज्यादा बार असफल हुए पर इन्होने हर नहीं मानी और अंत में बल्ब की खोज कर दुनिया को रोशन कर दिया।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बल्ब का आविष्कार किसने किया इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी और साथ ही साथ हमने आपको बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब हुआ बल्ब की खोज किसने की इसके बारे में जानकारी दी। आशा करता हूँ आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और एक बार हमें कमेंट कर के जरुर बताएं धन्यवाद।